Mahesh Navami 2022: धन लाभ के लिए 8 जून को शिवजी को चढ़ाएं ये चीज, गरीबी दूर करने का अचूक उपाय

भगवान शिव के अनेक नाम है, उनमें से एक नाम महेश भी प्रसिद्ध है। भगवान शिव के इसी नाम से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति मानी जाती है। हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माहेश्वरी समाज द्वारा विशेष रूप से महेश नवमी (Mahesh Navami 2022) का त्योहार भी मनाया जाता है।

Manish Meharele | Published : Jun 7, 2022 5:09 AM IST / Updated: Jun 07 2022, 12:05 PM IST

उज्जैन. मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि पर माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए हर साल माहेश्वरी समाज द्वारा महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव (Mahesh Navami 2022 Ke Upay)  8 जून, बुधवार को है (पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर ये पर्व 9 जून, गुरुवार को भी मनाया जाएगा)। 8 जून को प्रवर्ध नाम का शुभ योग भी बन रहा है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
 

1. शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से धन लाभ के योग बनते हैं, लेकिन ये चावल टूटे हुए नहीं होने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चावल शुक्र का अनाज है और शुक्र ग्रह से ही जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और धन-संपत्ति मिलती हैं। इसलिए महादेव को चावल चढ़ाने का विशेष महत्व है।

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2. महेश नवमी पर किसी शिव मंदिर में जाकर साफ-सफाई करें और शिवजी को सफेद वस्त्र व देवी पार्वती को लाल वस्त्र अर्पित करें। बाद में विधि-विधान से पूजा करें और दोनों वस्त्रों का गठबंधन कर दें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहेगी और जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है, उनकी मनोकामना भी पूरी हो सकती है।

3. शिवपुराण के अनुसार, तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिवलिंग पर चढ़ाएं। शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए शिवलिंग का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करें। बेला के फूल से पूजा करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है। जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।

4. महेश नवमी पर शुभ योग में पारद शिवलिंग (पारे से निर्मित) घर लाएं और इसकी स्थापना कर पूजा करें। प्रतिदिन इस शिविलंग के दर्शन और पूजा करने से हर तरह के दोष जैसे- कालसर्प, वास्तु, पितृ, ग्रह दोष आदि के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

5. महेश नवमी की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद उसी स्थान पर बैठकर नीचे लिखे किसी एक मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इससे आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है। ये है मंत्र… 
- ऊं नमः शिवाय
- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- ऊं तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।


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