ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को बहुत ही शुभ नक्षत्र माना गया है, इसलिए इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। इस बार 15 फरवरी, मंगलवार को दोपहर लगभग 1.45 तक पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र (Mangal Pushya 2022) होने से ये मंगल पुष्य कहलाएगा और इस दिन और नक्षत्र के संयोग से प्रवर्ध नाम का शुभ योग भी बनेगा।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है। मंगल नक्षत्र (Mangal Pushya 2022) में किए गए कामों का शुभ फल और बढ़ जाता है। इसलिए इस दिन किए गए दान और पूजा-पाठ का फायदा लंबे समय तक मिलेगा। चूंकि मंगल ग्रह अचल संपत्ति से संबंधित है। इसलिए मंगल पुष्य के शुभ योग में प्रापर्टी खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।
आज ये काम करना रहेगा शुभ
मंगल पुष्य के योग में प्रॉपर्टी खरीदारी और रियल एस्टेट में निवेश करना खासतौर से फायदेमंद रहेगा। नौकरी और बिजनेस के जरूरी एग्रीमेंट इस दिन करना शुभ होगा। सरकारी काम निपटाने के लिए भी ये दिन अच्छा है। साथ ही इस दिन घर की सजावट का सामान सोना, पीतल और तांबे के बर्तनों की खरीदारी की जा सकती है।
शनि और गुरु का नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं लेकिन देव गुरु बृहस्पति को इस नक्षत्र के अधिष्ठाता देव माने जाते हैं। जब चंद्रमा अपनी राशि यानी कर्क में आता है तो कर्क राशि में 3 अंश 40 कला से 16 अंश 40 कला तक पुष्य नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र को पोषण करने वाला माना जाता है। शनि के कारण इस नक्षत्र में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले होते हैं और बृहस्पति के प्रभाव से ये शुभदायी और समृद्धि देने वाला होता है।
कुंडली में अशुभ है मंगल तो ये उपाय करें
जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ स्थान पर हो, वे यदि मंगल पुष्य के शुभ योग में कुछ आसान उपाय करें तो मंगल दोष के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
1. मंगल के अशुभ फल से बचने के लिए मंगल पुष्य पर हनुमानजी की पूजा करें। हो सके तो सुंदरकांड का पाठ भी करें।
2. मंगल पुष्य से शुरू कर प्रत्येक मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं। इससे मंगल का अशुभ फल कम हो सकता है।
3. मसूर की दाल का दान करें या नदी में प्रवाहित करें। मंगलवार को मसूर की दाल खाने से बचें।
4. किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर मंगल का रत्न मूंगा धारण करें। अंगूठी के लिए तांबे का उपयोग करें, क्योंकि ये मंगल की धातु है।
5. मंगल पुष्य की सुबह स्नान आदि करने के बाद मंगलदेव की पूजा करें और रुद्राक्ष की माला से ऊं अं अंगारकाय नमः मंत्र का जाप करें।
6. मंगल पुष्य पर किसी मंदिर में लाल रंग का झंडा दान करें। इससे भी मंगल दोष में कमी आ सकती है।