Nirjala Ekadashi Ke Upay: आज है साल की सबसे बड़ी एकादशी, इन 5 में से कोई भी 1 उपाय दूर कर सकता है आपके बुरे दिन

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत कर पूजा की जाती है। इसलिए हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।

Manish Meharele | Published : Jun 10, 2022 2:40 AM IST / Updated: Jun 10 2022, 09:39 AM IST

उज्जैन. हर महीने में दो एकादशी होने से साल में कुल 24 एकादशी होती है। इन सभी का अलग-अलग महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। लेकिन इन सभी में एक एकादशी ऐसी है, जिसे बड़ी एकादशी कहा जाता है यानी इसका महत्व सबसे अधिक है। ये ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, जिसे निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022)  कहते हैं। इस बार ये एकादशी 10 जून, शुक्रवार को है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। मान्यता है कि साल भर की एकादशी का व्रत न करते हुए भी यदि सिर्फ इसी एकादशी पर व्रत और पूजा की जाए तो पूरे साल की एकादशी का पुण्य मिलता है। इस एकादशी पर कुछ विशेष उपाय (Nirjala Ekadashi Ke Upay) भी किए जा सकते हैं, जिससे परेशानियां दूर हो सकती हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं…
 
1. अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें। साथ ही दोनों की प्रतिमा का अभिषेक केसर-मिश्रित गाय के दूध से करें। इस दौरान विष्णु-लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करते रहें। ऐसा करने से आपको धन लाभ के योग बन सकते हैं।
 

2. भगवान विष्णु को पीतांबरधारी भी कहा जाता है यानी इन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनना पसंद है। निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और बाद में इसे किसी योग्य ब्राह्मण को दान कर दें। ऐसा करने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।

3. निर्जला एकादशी पर किसी विष्णु मंदिर में पीले रंग का ध्वज दान करें। संभव हो तो इसी दिल मंदिर पर ध्वज लगवाएं भी सहीं। इससे गुरु ग्रह के दोष भी दूर होते हैं और यदि किसी के विवाह में समस्या आ रही हो तो वो भी दूर हो सकती है।

4. निर्जला एकादशी पर बिना कुछ खाए-पिए व्रत रखना होता है। इसलिए स्वयं कुछ न खाएं लेकिन जरूरतमंद लोगों को भोजन जरूर करवाएं। गरीबों को इस दिन भोजन करवाने से पुण्य फल मिलते हैं। इस दिन गरीबों की मदद करने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं।

5. निर्जला एकादशी पर अपने घर के आस-पास केले का पौधा लगाएं और इसकी देखभाल करें। प्रत्येक गुरुवार को हल्दी मिला जल इस पर चढ़ाएं। ये पौधा जैसे-जैसे बढ़ा होता जाएगा। आपकी परेशानी दूर होती जाएगी। इसके फल स्वयं न खाएं बल्कि दूसरों को दान करें।

 

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