चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 28 मार्च, सोमवार को है। इस बार एकादशी तिथि रविवार की शाम से शुरू हो जाएगी और सोमवार को सूर्योदय के वक्त रहते हुए शाम तकरीबन साढ़े 4 बजे तक रहेगी।
उज्जैन. 28 मार्च, सोमवार को पापमोचनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। सोमवार को एकादशी तिथि होने से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। सोमवार को पहले श्रवण नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से शुभ योग इस दिन बन रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन कुछ खास उपाय (Remedies for Papmochani Ekadashi) किए जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ये उपाय बहुत ही आसान हैं, जो इस प्रकार हैं…
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1. पापमोचनी एकादशी तिथि पर किसी विष्णु में जाकर पूजा-पाठ करें। भगवान को पीले वस्त्र और पीले फूल चढ़ाएं। इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार पीले फल जैसे आम, केले आदि का भोग लगाएं। बाद में इन फलों को गरीबों में बांट दें। पीला अनाज जैसे दाल आदि का दान करना भी इस दिन शुभ रहता है।
2. एकादशी तिथि पर किसी ब्राह्मण को घर पर भोजन के लिए बुलाएं। उनकी इच्छा अनुसार भोजन करवाएं और पीली वस्त्र आदि देने के बाद दक्षिणा भी दें। ऐसा करने से गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल मिलते हैं और भगवान भी प्रसन्न होते हैं।
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3. एकादशी पर किसी बगीचे में केले के पौधा रोपें। इसके बाद उसकी पूजा करें। पूजा में हल्दी अवश्य चढ़ाएं। उसी स्थान पर बैठकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है और अविवाहितों के लिए विवाह के योग बनते हैं।
4. धन लाभ की इच्छा हो तो एकादशी तिथि पर दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध लेकर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का भी अभिषेक करें। इस दौरान विष्णु-लक्ष्मी मंत्रों का जाप करते रहें। इससे आपकी आर्थिक परेशानियां दूर हो सकती हैं।
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5. एकादशी की सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं। हल्दी, दूध, कुंकुम, चावल, भोग, चुनरी आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
6. एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी की माला से ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
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