भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य कहा जाता है यानी किसी भी शुभ कार्य से पहले इनकी पूजा जरूरी की जाती है। साल भर में ऐसे कई व्रत-उत्सव आते हैं जब भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत रखा जाता है और पूजा आदि की जाती है।
उज्जैन. माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भी इनमें से एक है। इसे सकट चतुर्थी (Sakat Chaturthi 2022), तिल चतुर्थी (Til Chaturthi 2022) और संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) आदि नामों से जाना जाता है। इस बार ये तिथि 21 जनवरी, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को तिल से बनी चीजों का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष जयोतिषीय उपाय किए जाएं शीघ्र ही शुभ फल मिलने लगते हैं।
तिल चतुर्थी पर ये उपाय करें
1. मनोकामना पूर्ति के लिए दाईं सूंड वाले गणपति की पूजा करें। साथ ही ओम गं गणपतये नमो नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। साथ ही तिलकुट का भोग लगाएं।
2. भगवान गणेश को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनके समक्ष दूर्वा चढ़ाएं। दूर्वा उन्हें अत्यंत प्रिय है। इसके अलावा पीले फूल और लड्डुओं का भोग लगाएं।
3. संतान किसी परेशानी में है, तो उसकी समस्याओं को दूर करने के लिए काले तिल और गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाएं। साथ ही भगवान से बच्चे के जीवन में चल रही परेशानियों को खत्म करने की प्रार्थना करें।
4. घर में सकारात्मकता लाने के लिए पूजा के समय एक तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर रखें। उसमें दक्षिणा और सुपारी भी डालें। पूजा के बाद उस जल से पूरे घर में छिड़काव करें।
5. हल्दी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। पूजा-पाठ इत्यादि में इसका उपयोग किया जाता है। भगवान श्रीगणेश को हल्दी की गांठ विशेष रूप से चढ़ाई जाती है। इसे हरिद्रा भी कहते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश को हल्दी चढ़ाने से आने वाले संकट टल जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
6. तिल चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश का अभिषेक स्वच्छ जल से करें। साथ ही साथ गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करते रहें। इससे आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
7. तिल चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को पीले फलों का भोग लगाएं। इससे जल्दी विवाह के योग बन सकते हैं।
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