Life Management: ससुर ने बहुओं से पूछा “दिन कौन-से अच्छे होते हैं? सबसे छोटी बहू ने दिया सबसे सटीक जवाब

सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं। कभी सुख आता है तो कभी दुख। कुछ लोग बहुत पैसा होने पर भी किसी न किसी कारण से दुखी रहते हैं और कोई बहुत कम पैसे कमाकर भी सुख-चैन की नींद सोता है। जो दिन बिना किसी दुख के बीते वही अच्छे दिन कहे जा सकते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2022 6:54 AM IST

उज्जैन. अगर मन में संतोष है तो कम संसाधनों में भी सुखी रहा जा सकता है नहीं तो पूरी दुनिया की दौलत भी आपको सुखी नहीं बना सकती। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है जीवन में सबसे अच्छे दिन कौन-से होते हैं।

छोटी बहू की समझदारी से खुश हुए ससुर
ससुर ने अपनी 4 बहुओं से एक ही सवाल पूछा- दिन कौन से अच्छे? एक बहू ने बारिश के दिनों को अच्छा बताया कि दूसरी ने ठंड के दिनों को, सबसे छोटी बहू का जवाब सुनकर ससुर बहुत खुश हुए।
किसी गांव में एक सेठ रहता था। उसके चार बेटे थे। चारों ही बहुत आज्ञाकारी और मेहनती थे। सेठ भी उनकी तरक्की देखकर बहुत खुश होता था। सेठ ने अच्छे परिवारों की लड़की देख कर उनकी शादी भी कर दी। इस तरह उनका परिवार हंसी-खुशी से रहने लगा।
एक दिन सेठ ने सोचा कि मेरे सभी बेटे तो समझदार है, क्यों न आज बहुओं की परीक्षा ली जाए। ये सोचकर सेठ ने अपनी चारों बहुओं को बुलाया और सभी से एक ही प्रश्न पूछा। प्रश्न ये था कि “दिन कौन से अच्छे?” 
सेठ की बहुएं समझ गई कि ससुरजी हमारी परीक्षा ले रहे हैं। सबसे बड़ी बहू ने कहा कि “दिन तो बारिश के अच्छे होते हैं, क्योंकि बारिश न हो तो फसल नहीं पकेगी और पानी की भी कमी हो जाएगी। लोग पानी के बिना जी नहीं पाएंगे।” अपनी बात को सही साबित करने के लिए बड़ी बहू ने बहुत सारे तर्क दे दिए।
दूसरी बहू ने कहा कि “दिन तो ठंड के अच्छे होते हैं, क्योंकि इस मौसम में मनचाहा खाना खा सकते हैं, बीमार भी कम होते हैं।” 
तीसरी बहू ने गर्मी के दिनों को अच्छा बताया और उसने भी बहुत से कारण बता दिए कि इन वजहों से गर्मी के दिन अच्छे होते हैं। 
सबसे छोटी बहू का नंबर आया तो उसने कहा कि “ससुरजी, दिन तो वही अच्छे होते हैं, जो सुख से बीते। अगर रूखी-सुखी खाकर भी मन को संतोष हो जाए और परिवार में प्रेम बना रहे तो उसे ही अच्छे दिन मानना चाहिए।” ससुर छोटी बहू के इस जवाब से बहुत खुश हुए। 

लाइफ मैनेजमेंट
सुख-दुख जीवन का एक हिस्सा है। आज सुख तो कल दुख आएगा और उसके फिर सुख आएगा। सुख-दुख का पैसों से भी संबंध नहीं है क्योंकि जिनके पास पैसा है वे लोग भी दुखी हैं और गरीब इंसान भी अपने परिवार के साथ थोड़ा-बहुत खाकर भी खुश रहता है। इसलिए दिन वही अच्छे होते हैं जो अच्छे से गुजरे।


 

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