अगर जन्म कुंडली में लिखी है दुर्घटना से मौत, तो ये उपाय काल को टाल देंगे

Published : Apr 13, 2020, 11:40 PM IST
अगर जन्म कुंडली में लिखी है दुर्घटना से मौत, तो ये उपाय काल को टाल देंगे

सार

उज्जैन: कार या बाइक चलाते समय सावधानी रखी जाए तो एक्सीडेंट से बचा जा सकता है, लेकिन कभी-कभी दूसरों की गलती के कारण दुर्घटना जैसे हालात बन जाते हैं। अगर कुंडली में दुर्घटना से संबंधित अशुभ योग होते हैं तो व्यक्ति के साथ बार-बार ऐसी स्थितियां बन सकती हैं। वाहन चलाते समय में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। दुर्घटना के योगों से बचने के लिए ज्योतिष में उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों से ऐसी संभावनाओं को टाला जा सकता है। जानिए कुछ खास उपाय...

उज्जैन: कार या बाइक चलाते समय सावधानी रखी जाए तो एक्सीडेंट से बचा जा सकता है, लेकिन कभी-कभी दूसरों की गलती के कारण दुर्घटना जैसे हालात बन जाते हैं। अगर कुंडली में दुर्घटना से संबंधित अशुभ योग होते हैं तो व्यक्ति के साथ बार-बार ऐसी स्थितियां बन सकती हैं। वाहन चलाते समय में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। दुर्घटना के योगों से बचने के लिए ज्योतिष में उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों से ऐसी संभावनाओं को टाला जा सकता है। जानिए कुछ खास उपाय...
पहला उपाय
शुभ चिह्न जैसे स्वस्तिक, ऊँ, श्रीराम लिखा हुआ या हनुमानजी का चित्र बना हुआ लाल झंडा किसी शुभ मुहूर्त में घर लेकर आएं। घर में इस झंडे की विधिवत पूजा करें। पूजा के बाद छत पर इसे लगा दें और भगवान से अनहोनी टालने की प्रार्थना करें।
दूसरा उपाय
महीने में कम से कम एक बार हनुमानजी को लाल फूल, लाल लंगोट और लाल झंडा चढ़ाएं। सुंदरकांड का पाठ करें। सुंदरकांड के पाठ में समय अधिक लगता है, अगर समय अभाव हो तो हनुमान चालीसा का पाठ रोज करें।
तीसरा उपाय
हर शनिवार शनिदेव के लिए सरसों के तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल और उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें।
चौथा उपाय
हनुमानजी के मंदिर में भगवान के सामने सरसों का तेल भरकर मिट्टी का दीपक रोज जलाएं। अगर रोज संभव ना हो तो हर मंगलवार और शनिवार को ये उपाय जरूर करें।
पांचवां उपाय
देवी दुर्गा की पूजा से सभी प्रकार के अनिष्ट दूर हो सकते हैं। माता अपने भक्तों को हर अनहोनी से बचा सकती हैं। घर से निकलने से पहले देवी दुर्गा की पूजा जरूर करें। दुर्गा मां की पूजा करने वाले लोगों को अधर्म और अपवित्रता से बचना चाहिए। महिलाओं का सम्मान करें। कभी भी अपनी माता का अनादर न करें। माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकलना चाहिए।
 

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