Mangala Gauri Vrat 2022: मनचाहा जीवनसाथी और हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए 26 जुलाई को करें मंगला गौरी व्रत

Published : Jul 25, 2022, 03:11 PM IST
Mangala Gauri Vrat 2022: मनचाहा जीवनसाथी और हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए 26 जुलाई को करें मंगला गौरी व्रत

सार

Mangala Gauri Vrat 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा करने का विधान है। इस बार 26 जुलाई को सावन का दूसरा मंगलवार होने से ये व्रत इस दिन भी किया जाएगा।

उज्जैन. सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat 2022) 26 जुलाई को किया जाएगा। ये व्रत कुंवारी कन्याएं और विवाहित महिलाएं दोनों कर सकती हैं। इस व्रत के शुभ प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी और विवाहित महिलाओं को दांपत्य सुख मिलता है। इसलिए ये व्रत महिलाओं में काफी लोकप्रिय है। इस बार मंगला गौरी व्रत पर चर और हर्षण नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इन योगों में की गई पूजा और उपाय का कई गुना फल मिलता है। आगे जानिए कैसे करें मंगला गौरी का व्रत, शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें…

ये है मंगला गौरी व्रत की विधि (Mangala Gauri Vrat Vidhi)
- मंगला गौरी व्रत की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद देवी पार्वती का चित्र या प्रतिमा स्थापित कर ये मंत्र बोलें-
गौरी मे प्रीयतां नित्यं अघनाशाय मंगला। 
सौभाग्यायास्तु ललिता भवानी सर्वसिद्धये।।
अर्थ - गौरी नित्य मुझ पर प्रसन्न रहें, मंगला मेरे पापों का नाश करें। ललिता मुझे सौभाग्य प्रदान करें और भवानी मुझे सब सिद्धियां प्रदान करें।
- इसके बाद माता पार्वती को सुहाग का सामान जैसे लाल चूड़ियां, लाल चुनरी, कुमकुम आदि चीजें मंदिर में अर्पित करें। सबसे अंत में भोग लगाकर माता की माता की आरती करें। पूरे दिन निराहार रहें और शाम को अपना व्रत पूर्ण करें।  इस प्रकार व्रत और पूजा करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।

मां पार्वती जी आरती
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
अरिकुल कंटक नासनि,
निज सेवक त्राता,
जगजननी जगदम्बा,
हरिहर गुण गाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सिंह को वहान साजे,
कुंडल है साथा,
देव वधू जस गावत,
नृत्य करत ता था ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सतयुग रूप शील अतिसुंदर,
नाम सती कहलाता,
हेमाचंल घर जन्मी,
सखियाँ संगराता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे,
हेमाचंल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके,
चक्र लियो हाथा ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सृष्टि रूप तुही है जननी,
शिव संग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही,
सारा जग मदमाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥


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