Vaishakh month 2022: वैशाख मास में न कर पाएं तीर्थ स्नान तो करें ये उपाय, इन बातों का भी रखें ध्यान

Published : Apr 20, 2022, 09:07 AM IST
Vaishakh month 2022: वैशाख मास में न कर पाएं तीर्थ स्नान तो करें ये उपाय, इन बातों का भी रखें ध्यान

सार

हिंदू धर्म में हर महीने का विशेष महत्व बताया गया है। वैशाख मास (Vaishakh month 2022) भी इनमें से एक है। ये हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना है। इस बार वैशाख मास का आरंभ 17 अप्रैल से हो चुका है, जो 16 मई तक रहेगा।

उज्जैन. महाभारत (Mahabharata), स्कंद पुराण (Skanda Purana) और पद्म पुराण (Padma Purana) में भी वैशाख मास का महत्व बताया गया है। उसके अनुसार वैशाख में किया गया तीर्थ स्थान पापों का नाश करता है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ाता है। लेकिन हर किसी के लिए तीर्थ स्नान करना संभव नही है, ऐसी स्थिति में घर में ही स्नान करके भी ये पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा भी ग्रंथों में वैशाख मास से संबंधित कई नियम बताए हैं। आगे जानिए वैशाख मास से जुड़ी खास बातें… 

घर पर इस विधि से स्नान कर पा सकते हैं पुण्य लाभ
वैशाख मास में सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए। तीर्थ स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। ऐसा करने से भी तीर्थ स्थान जितना पुण्य मिल सकता है। इस मास में जो व्यक्ति सूर्योदय के पूर्व स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु सदा प्रसन्न रहते हैं और उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

बनाएं एक समय भोजन का नियम 
महाभारत के अनुसार वैशाख मास में एक समय भोजन करना चाहिए। ऐसा करना न सिर्फ धार्मिक बल्कि सेहत के नजरिए से भी ठीक है। इसका कारण है ये इस दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है और जिसके कारण शरीर की पाचन शक्ति मंद हो जाती है। इसलिए अधिक भोजन करना सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इन दिनों में कम खाना खाने से आलस्य नहीं बढ़ता और मन में बुरे विचार भी नहीं आते। 

भगवान विष्णु की पूजा का महीना 
धर्म ग्रंथों में वैशाख को माधव मास भी कहा जाता है यानी भगवान विष्णु का महीना। इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और मंत्रों का जाप भी किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार वैशाख में भगवान विष्णु को पंचामृत और तुलसी दल का भोग लगाना चाहिए। ये दोनों ही शरीर को शीतलता प्रदान करती हैं। वैशाख मास भगवान परशुराम की उपासना भी विशेष फलदाई मानी गई है। वैशाख शुक्ल तृतीया यानी अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।

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