सार
हिंदू पंचांग में 12 महीने बताए गए हैं। इन सभी का अलग-अलग महत्व है। इनमें से दूसरा महीना वैशाख है। इस बार वैशाख मास (Vaishakh month 2022) की शुरूआत 17 अप्रैल, रविवार से हो चुकी है। ये महीना 16 मई तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है।
उज्जैन. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास में कुछ विशेष उपाय करने से त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महादेव तीनों को प्रसन्न किया जा सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस महीने में मंत्र जाप से भी शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ये सभी मंत्र भगवान विष्णु के हैं और राशि अनुसार हैं। यानी एक राशि का एक खास मंत्र है। वैशाख मास में रोज इनका विधि-विधान से जाप करना चाहिए। ये मंत्र इस प्रकार हैं…
ये हैं राशि अनुसार मंत्र
मेष राशि- ॐ ह्रीं श्रीं श्रीलक्ष्मीनारायणाय नम:।
वृष राशि- ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नम:।
मिथुन राशि- ॐ क्लीं कृष्णान नम:।
कर्क राशि- ॐ ह्रीं हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम:।
सिंह राशि- ॐ क्लीं ब्राह्मणे जगदाधाराय नम:।
कन्या राशि- ॐ पीं पिताम्बराय नम:।
तुला राशि- ॐ तत्वनिरंजनाय तारक रामाय नम:।
वृश्चिक राशि- ॐ नारायणाय सूरसिंहाय नम:।
धनु राशि- ॐ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वजाय नम:।
मकर राशि- ॐ श्रीं वत्सलाय नम:।
कुंभ राशि- ॐ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम:।
मीन राशि- ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:।
इस विधि से करें मंत्र जाप
- वैशाख मास में रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें और तुलसी की माला से राशि अनुसार मंत्रों का जाप करें।
- कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। मंत्र जाप का स्थान, समय और आसन निश्चित हो तो और भी जल्दी शुभ फल मिलने लगते हैं।
इस महीने में नदी स्नान का विशेष महत्व
स्कंद पुराण में वैशाख स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। उसके अनुसार, इस महीने में जो व्यक्ति गंगा आदि पवित्र नदियों में सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं और वह श्रीहरि का प्रिय बन जाता है। ऐसा व्यक्ति सभी सुख का भोग करता है। इस महीने में जल दान का भी महत्व बताया गया है।
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