Vasudev Dwadashi 2022: 11 जुलाई को 3 शुभ योगों में किया जाएगा वासुदेव द्वादशी व्रत, ये है विधि और शुभ मुहूर्त

धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वासुदेव द्वादशी (Vasudev Dwadashi 2022) का व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 11 जुलाई, सोमवार को है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ देवी रुक्मिणी की पूजा भी की जाती है।

उज्जैन. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वासुदेव द्वादशी पर श्रीकृष्ण-रुक्मिणी की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और वैवाहिक जीवन में सुखमय बना रहता है। इस दिन कृष्ण मंदिरों में विशेष आयोजन और साज-सज्जा की जाती है। यदि किसी व्यक्ति को संतान की कामना होती है तो वह इच्छा भी वासुदेव द्वादशी का व्रत करने से पूरी हो सकती है। अनेक धर्म ग्रंथों में इस तिथि का महत्व बताया गया है। जानिए इस व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व अन्य खास बातें…

पूजा के शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का आरंभ 10 जुलाई, रविवार की दोपहर लगभग 02:14 से होगा, जो 11 जुलाई, सोमवार की सुबह 11:14 तक रहेगा। सूर्योदय व्यापिनी तिथि 11 जुलाई को होने से इसी दिन ये व्रत किया जाएगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:05 से 12:58 तक रहेगा। इस दिन मानस, पद्म और सर्वार्थसिद्धि नाम के 3 शुभ योग भी बन रहे हैं। 

ये है वासुदेव द्वादशी की पूजा विधि (Vasudev Dwadashi 2022 Puja Vidhi)
- 11 जुलाई, सोमवार की सुबस स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। ऊपर बताए गए शुभ मुहूर्त में भगवान कृष्ण और देवी रुक्मिणी की तस्वीर या प्रतिमा एक साफ स्थान पर स्थापित करें।
- इसके बाद पूजा शुरू करें। सबसे पहले गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और भगवान को पीले वस्त्र और देवी को लाल वस्त्र अर्पित करें। फल, फूल, धूप, चावल दूध, दही और पंचामृत से भगवान कृष्ण और माता रुक्मिणी की पूजा करें।
- अंत में भोग लगाएं और आरती करें। अब पूरे दिन व्रत रखें। शाम को पुन: एक बार आरती करने के बाद फलाहार करें। अगले दिन ब्राह्मणों को बुलाकर भोजन करवाएं और जरूरतमंदों को दान करने के बाद ही व्रत का पारणा करें।

Latest Videos

भगवान श्रीकृष्ण की आरती
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
गले में बैजंती माला
बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला
नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली
राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं
गगन सों सुमन रासि बरसै
बजे मुरचंग मधुर मिरदंग
ग्वालिन संग
अतुल रति गोप कुमारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच, हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की

ये भी पढें-

Sawan 2022: शुभ फल पाने के लिए सावन में रोज करें शिव पूजा, आज ही नोट कर लें विधि और सामग्री की लिस्ट


Sawan 2022: कितने दिनों का होगा सावन, कब से कब तक रहेगा, 4 सोमवार को कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे?

Sawan 2022: कब से शुरू हो रहा है सावन? जानिए इस महीने के व्रत-त्योहारों की पूरी डिटेल

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts