Vinayaki Chaturthi 2022: आज शुभ योग में करें ये उपाय, धन लाभ और अन्य इच्छाएं भी होंगी पूरी

आज (6 मार्च, रविवार) फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022 ) का व्रत किया जाता है। इस दिन आनंद नाम का शुभ योग भी बन रहा है। विनायक चतुर्थी के बारे में मान्यता है कि इसके प्रभाव से जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती है।

उज्जैन. विनायकी चतुर्थी (6 मार्च, रविवार) पर गणपतिजी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन-दौलत के साथ ही ज्ञान और बुद्धि की भी प्राप्ति होती है। पुराणों के मुताबिक माना जाता है कि विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022 ) व्रत करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। मनोकामनाएं पूरी होती हैं और समस्त सुख-सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं। साथ ही रोग मुक्ति की कामना से भी ये व्रत किया जाता है। आगे जानिए इस दिन आप कौन-से उपाय कर सकते हैं…

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व्रत की पौराणिक कथा
- एक बार देवी पार्वती और शिवजी चौपड़ खेल रहे थे। इस खेल में हार-जीत का फैसला कौन करे, ये सोचकर घास-फूस से बालक बनाकर उसमें प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस खेल में तीन बार देवी पार्वती जीतीं। लेकिन बालक ने कहा महादेव जीते। 
- इस पर देवी पार्वती ने बालक को कीचड़ में रहने का श्राप दिया। बालक के माफी मांगने पर माता पार्वती ने कहा कि एक साल बाद नागकन्याएं यहां आएंगी। उनके कहे अनुसार गणेश चतुर्थी व्रत करने से तुम्हारे कष्ट दूर होंगे। 
- इसके बाद बालक की उपासना से गणेश जी प्रसन्न हो गए। गणेशजी ने उसे अपने माता-पिता यानी भगवान शिव-पार्वती को देखने के लिए कैलाश जाने का वरदान दिया। बालक कैलाश पहुंच गया। 
- वहीं माता पार्वती को मनाने के लिए शिवजी ने भी 21 दिन तक गणेश व्रत किया और पार्वतीजी मान गईं। फिर माता पार्वती ने भी अपने पुत्र से मिलने के लिए 21 दिन तक व्रत किया और उनकी ये इच्छा पूरी हो गई। माना जाता है वो बालक ही भगवान कार्तिकेय हैं।

विनायक चतुर्थी पर ये उपाय करें- 
1.
इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करने के बाद प्रसाद गरीबों को बांट दें। यदि आप इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराते हैं और कुछ दान करते हैं तो भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
2. चतुर्थी व्रत में दिनभर उपवास रखें और शाम को भोजन ग्रहण करने से पूर्व गणेश चतुर्थी व्रत कथा, गणेश चालीसा आदि का पाठ जरूर करें।
3. शाम को संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ और श्री गणेश की आरती करें। ॐ गणेशाय नम: मंत्र के जाप से अपने व्रत को पूर्ण करें।
4. भगवान श्रीगणेश का अभिषेक शुद्ध जल से करें। अभिषेक करते समय गणेश मंत्रों का जाप भी करते रहें।
5. इस दिन किसी गणेश मंदिर में केसरिया ध्वज लगवाएं और भगवान से कष्ट दूर करने के लिए प्रार्थना करें। संभव हो तो स्वयं मंदिर की साफ-सफाई भी करें।
 

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