Vinayaki Chaturthi 2022: 6 मार्च को आनंद योग में करें भगवान श्रीगणेश की पूजा, ये है विधि और महत्व

प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 6 मार्च, रविवार को है। इस दिन भगवान श्रीगणेश (Lord Shri Ganesh) को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास व पूजा की जाती है।

उज्जैन. इस बार रविवार को चतुर्थी तिथि होने से इस दिन गणेश जी के साथ सूर्य की भी पूजा करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) का व्रत जीवन में सुख-शांति की कामना से और जीवन साथी और संतान के सौभाग्य के लिए भी किया जाता है। रविवार को अश्विनी नक्षत्र होने से इस दिन आनंद नाम का शुभ योग भी रहा है। चतुर्थी, रविवार और आनंद शुभ योग की वजह इस दिन किए गए पूजा-पाठ जल्दी सफल हो सकते हैं।

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इस विधि से करें भगवान श्रीगणेश की पूजा-व्रत (Vinayaki Chaturthi Puja Method)
- विनायकी चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। 
- इसके बाद घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा पर शुद्ध जल, पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद फिर से शुद्ध जल चढ़ाएं। 
- हार-फूल, जनेऊ, चावल, दूर्वा आदि चीजें चढ़ाएं। वस्त्र अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
- गणेश पूजा में दूर्वा के साथ ही शमी पत्ते भी जरूर रखें। गणेश जी को दूर्वा के जोड़े बनाकर चढ़ाना चाहिए। 
-22 दूर्वा को जोड़ने पर दूर्वा के 11 जोड़े तैयार हो जाते हैं। ये 11 जोड़े गणेश जी को चढ़ाएं। 
- ध्यान रखें दूर्वा किसी साफ जगह पर उगी हुई होनी चाहिए या किसी मंदिर के बगीचे में उगी हुई दूर्वा धोकर भगवान को अर्पित करें। 
- जिस जगह गंदगी हो, वहां की दूर्वा नहीं लेनी चाहिए। दूर्वा चढ़ाते समय गणेश जी के 11 मंत्रों का जाप करना चाहिए।

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गणेश पूजा में इन 11 मंत्रों के जाप करें
ऊँ गं गणपतेय नम:, ऊँ गणाधिपाय नमः, ऊँ उमापुत्राय नमः, ऊँ विघ्ननाशनाय नमः, ऊँ विनायकाय नमः, ऊँ ईशपुत्राय नमः, ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः, ऊँ एकदन्ताय नमः, ऊँ इभवक्त्राय नमः, ऊँ मूषकवाहनाय नमः, ऊँ कुमारगुरवे नमः

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विनायकी चतुर्थी का महत्व
मान्यता है कि विनायकी चतुर्थी पर व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है। चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

 

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