Maha Ashtami 2022: महाष्टमी 3 अक्टूबर को, सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए इस दिन करें ये 5 उपाय

Maha Ashtami Ke Upay : धर्म ग्रंथों में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो इस पर्व की सभी तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन अष्टमी और नवमी तिथियां सबसे खास मानी गई हैं। इन्हें महाष्टमी और महानवमी कहा जाता है। 
 

उज्जैन. इस बार शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी तिथि 3 अक्टूबर, सोमवार को रहेगी। धर्म ग्रंथों में ये तिथि बहुत ही खास मानी गई हैं। इस तिथि पर कुलदेवी की पूजा के साथ-साथ कन्या पूजा की परंपरा भी है। मार्कंडेय पुराण में भी अष्टमी तिथि पर देवी पूजा का महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं। इस तिथि को जया भी कहा जाता है, यानी इस दिन किए गए काम में सफलता अवश्य मिलती है।

कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि? (Maha Ashtami 2022 Shuba Yog)
पंचागं के अनुासर, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 02 अक्टूबर, सोमवार की शाम 06:47 से 03 अक्टूबर, मंगलवार की शाम 04:38 तक रहेगी। अष्टमी तिथि का सूर्योदय 3 अक्टूबर को होगा, इसलिए इसी तिथि महाष्टमी तिथि की पूजा की जाएगी। इस दिन इस दिन शोभन नाम का शुभ योग बन रहा है, जिसके चलते इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिष शास्त्र में अष्टमी तिथि को रोग दूर करने वाली बताया गया है। 

ये उपाय करें महाष्टमी पर (Maha Ashtami 2022 Upay)
1.
महाष्टमी पर देवी के सामने जल से भरा एक कलश रखें और देवी मंत्रों का जाप करें। जाप खत्म होने बाद कलश के पानी को पूरे घर में छिड़कें। इससे हर बाधा दूर हो जाएगी, साथ ही सुख-समृद्धि भी बनी रहेगी। बचा हुआ पानी पीपल या तुलसी पर चढ़ा दें।  
2. महाष्टमी पर कन्या पूजा की परंपरा भी है। इस दिन कन्याओं को घर बुलाकर भोजन करवाएं और उनकी पूजा करने के बाद अपनी इच्छा अनुसार उन्हें कुछ न कुछ उपहार देकर विदा करें। इससे देवी की कृपा आप पर बनी रहेगी और हर तरह का सुख भी प्राप्त होगा।
3. अंखड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए महाष्टमी तिथि पर देवी को सुहाग की सामग्री भेंट करें। जिसमें लाल चुनरी, चूड़ियां, बिंदी, कुंकुम, मेहंदी आदि चीजें शामिल होनी चाहिए। इससे देवी प्रसन्न होती हैं।
4. महाष्टमी पर 9 सुहागिन महिलाओं को कुंकुम, मेहंदी और महावर भेंट करें। घर पर सभी महिलाएं मिलकर माता की आरती करें। इस उपाय से आपकी हर कामना पूरी हो सकती है।
5. 3 अक्टूबर की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद देवी मंदिर में दर्शन करने जाएं और वहीं बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अगर मंदिर नहीं जा सकते तो ये उपाय घर पर बैठकर भी कर सकते हैं।



ये उपाय करें-

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