हिंदू धर्म में गंगा नदी को बहुत पवित्र माना गया है। ग्रंथों में गंगा को देव नदी भी कहा गया है। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में गंगा जल का उपयोग भी किया जाता है।
उज्जैन. आखिर क्या कारण है कि गंगा जल को इतना पवित्र माना गया है। इसके पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही है या फिर कोई ठोस वैज्ञानिक तथ्य। आज हम आपको गंगा जल से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं और ये भी बता रहे हैं कि गंगा जल को क्यों इतना पवित्र माना गया है…
इसलिए गंगा जल को मानते हैं इतना पवित्र...
- विभिन्न शोधों से पता चला है कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को मारने का अद्भुत गुण है। लखनऊ के नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनबीआरआई के निदेशक डॉक्टर चंद्र शेखर नौटियाल ने जांच में पाया है कि गंगा जल में बीमारी पैदा करने वाले ई कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता है।
- वैज्ञानिक कहते हैं कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को खाने वाले बैक्टीरियोफैज वायरस होते हैं। ये वायरस बैक्टीरिया की तादाद बढ़ते ही सक्रिय होते हैं और उन्हें नष्ट कर देते हैं।
- वैज्ञानिकों को कहना है कि गंगा का पानी जब हिमालय से आता है तो कई तरह की मिट्टी, खनिज और जड़ी- बूटियों का असर इस पर होता है।
- इसी वजह से गंगा का पानी लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसके औषधीय गुण बने रहते हैं।
- वैज्ञानिकों ने अपने शोध में ये भी पाया कि गंगा जल में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है।
- गंगा के पानी में प्रचूर मात्रा में गंधक भी होता है, इसलिए यह लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसमें कीड़े नहीं पैदा होते।
- यही कारण है कि गंगा जल को हिंदू धर्म में इतना पवित्र माना गया है।