गुरुवार और पूर्णिमा के शुभ योग में करें भगवान विष्णु की पूजा, बनने लगेंगे शादी के योग


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अनिवार्य है। जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ स्थान पर होता है, उन लोगों के विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 6, 2020 6:44 PM IST / Updated: May 07 2020, 10:39 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार 7 मई को गुरुवार और पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग में  भगवान विष्णु की पूजा इस विधि से करें। इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं-

1. गुरुवार को केले के पेड़ के नीचे पीला कपड़ा रखकर देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। अगर ये संभव न हो तो केले के पत्ते पर भी दोनों देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।
2. गाय के दूध से बृहस्पति व विष्णुजी का अभिषेक करें और पीले फूल, पीला चंदन, गुड़, चने की दाल, पीले वस्त्र दोनों देवताओं को अर्पित करें।
3. दोनों देवताओं को भोग में पीले पकवान और पीले फल अर्पित करें।
4. इस तरह पूजा करने के बाद देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की आरती गाय के शुद्ध घी के दीपक से करें -
श्रीनिवासाय देवाय नम: श्रीपयते नम:।
श्रीधराय सशाङ्र्गाय श्रीप्रदाय नमो नम:।।
श्रीवल्लभाय शान्ताय श्रीमते च नमो नम:।
श्रीपर्वतनिवासाय नम: श्रेयस्कराय च।
श्रेयसां पतये चैव ह्याश्रयाय नमो नम:।
नम: श्रेय:स्वरूपाय श्रीकराय नमो नम:।।
शरण्याय वरेण्याय नमो भूयो नमो नम:।
स्त्रोत्रं कृत्वा नमस्मृत्य देवदेवं विसर्जयेत्।।
इति रुद्र समाख्याता पूजा विष्णोर्महात्मन:।
य: करोति महाभक्त्या स याति परमं पदम्।।
5. इस तरह गुरुवार को पूजा करने से गुरु का अशुभ प्रभाव होता है और शुभ फल मिलने लगते हैं। साथ ही शादी के योग भी बनने लगते हैं।

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