
बुलंदशहर (Uttar Pradesh)। केंद्र सरकार ने बुलंदशहर की भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड को कोरोना वैक्सीन तैयार करने की मंजूरी दे दी है। बिबकॉल ने इसके लिए भारत बायोटेक से करार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्टूबर से यहां हर महीने कोवैक्सिन की डेढ़ करोड़ डोज तैयार होने लगेंगी।
इसलिए मिली है इसी कंपनी को जिम्मेदारी
देश में पोलियो की वैक्सीन के कुल उत्पादन में इसी कंपनी का 60 प्रतिशत हिस्सा है। कंपनी हर साल करीब 150 करोड़ डोज बनाती है। जिसे देखते हुए कंपनी को कोवैक्सिन बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
रूस की मदद से हुई थी स्थापना
बिबकॉल, बुलंदशहर जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर चोला गांव के निकट स्थित है यह कंपनी अभी पोलिया वैक्सीन का उत्पादन कर रही थी। भारत सरकार ने बिबकॉल की स्थापना 1989 में रूस के सहयोग से की थी। यहां साल 1995-96 से पोलियो वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है।
देश की तीन कंपनियों को मिली है जिम्मेदारी
सेंट्रल ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने पूरे देश में तीन कंपनियों को कोवैक्सिन के उत्पादन की जिम्मेदारी दी है। जिसमें बुलंदशहर के चोला गांव स्थित BIBCOL एक है। यह भारत सरकार की ही कंपनी है। बिबकॉल अभी तक पोलियो की वैक्सीन बनाती रही है।
30 करोड़ का दिया है बजट
बुलंदशहर की भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड को कोरोना वैक्सीन तैयार करने की मंजूरी दे दी है। खबर है कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन उत्पादन के लिए 30 करोड़ का बजट भी दिया है।
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