पर्यावरण संरक्षण के लिए योगी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, अब इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में सौ फीसदी की छूट

योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 100 फीसदी की छूट देने का निर्णय लिया है। सरकार ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीददारी के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2019 7:37 AM IST / Updated: Nov 30 2019, 01:13 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh). अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए खुशखबरी है। दरअसल पर्यवरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 100 फीसदी की छूट देने का निर्णय लिया है। सरकार ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीददारी के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके। लेकिन ये छूट नियम लागू होने के बाद पहले 1 लाख ग्राहकों के लिए लागू होगी। 

प्रदूषण से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने एक सराहनीय पहल की है। अब यहां इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले प्रथम 1 लाख ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन के लिए एक भी पैसे नहीं देने होंगे। परिवहन विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। 

दोपहिया व चार पहिया वाहनों के लिए अलग होगा नियम 
प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन में 100 फीसदी की छूट दी जाएगी। वहीं चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन के खरीददारों को रजिस्ट्रेशन में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। 

इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 के तहत चलेगी योजना 
सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है। प्रमुख सचिव परिवहन ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 को क्रियान्वित करते हुए रजिस्ट्रेशन में छूट के आदेश जारी किए हैं। इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत 2030 तक एक हजार इलेक्ट्रिक बसें भी चलाई जाएंगी।

नोएडा से की जाएगी शुरुआत 
इलेक्ट्रिक बसों को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर सबसे पहले नोएडा में चलाया जाएगा। इसके बाद गाजियाबाद, लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, कानपुर, मेरठ, आगरा, गोरखपुर और वाराणसी 10 मेट्रो शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे।  इन 10 शहरों में 70 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। इसके तहत पहले चरण 2020 तक 25 फीसदी, द्वितीय चरण 2022 तक 35 फीसदी और 2030 तक बाकी 40 फीसदी इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। 

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