
बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का एक युवक इन दिनों खूब चर्चा में है। जनपद के हर्रैया तहसील के रौताइनपुर निवासी शिवपूजन ने ऐसा कमाल कर दिखाया कि उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी युवक की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए।12वीं पास शिवपूजन कहते हैं कि वह बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहते थे। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। शिवपूजन ने रंगाई-पुताई का काम करना शुरू किया। इसके बाद वह दीवारों पर चित्रकारी और राइटिंग का काम करने लगा। लेकिन इस काम में ना तो शिवपूजन का मन लगा और ना काम के हिसाब से कमाई हो पाती थी। इसलिए उसने ये काम भी छोड़ दिया। इसके बाद वह वेल्डिंग का काम करने लगा।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी कर चुके हैं तारीफ
इस दौरान उसने अपने जज्बे को कम नहीं होने दिया और इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर देशी फरारी बना डाली। उनके इस हुनर की तारीफ खुद महिंद्रा ग्रुप के सीईओ और देश के माने जाने उद्योगपति आनंद महिंद्रा कर चुके हैं। यहीं से उसके दिमाग में कुछ नया और अलग करने का जुनून शुरू हुआ। इससे पहले भी शिवपूजन ने तीन-चार गाड़ियां बनाई हैं, जो इंजन के सहारे चलती थी। इन गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल का इस्तेमाल होता था। जिससे कि प्रदूषण भी फैलता था। इसी बात पर विचार कर शिवपूजन ने ऐसी गाड़ी बनाने की सोची जो वातावरण को प्रदूषित नहीं करे और उसमें अधिक सामान भी रखा जा सके। इसलिए उन्होंने बैटरी से चलने वाली देशी फरारी बना डाली।
भाईयों से मदद लेकर बनाई देशी फरारी
शिवपूजन ने बताया कि उन्हें रेसिंग कार काफी ज्यादा पसंद हैं। इसलिए वह इसी तरह की गाड़ियां बनाने लगे। बैटरी रिक्शे को देखकर उन्हें बैटरी से चलने वाली गाड़ी बनाने का आइडिया आया। इसके बाद उन्होंने देशी फरारी बनाकर तैयार कर दी। इस गाड़ी में दो बैटरी और एक मोटर व लोहे का पाइप लगा है। शिवपूजन ने बताया कि इस गाड़ी को बनाने में करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्चा आया है। उन्के भाइयों द्वारा दिए गए पैसों से उसने ये कार बनाई है। शिवपूजन ने बताया कि देशी फरारी को एक बार चार्ज करने पर यह 80 किलोमीटर चलती है। इस दौरान इसे 60 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से भी दौड़ाया जा सकता है। साथ ही इस गाड़ी में 5 कुंतल का भार भी रखा जा सकता है।
गाड़ी को इस काम के लिए करते हैं इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि वह देशी फरारी का इस्तेमाल दूध बेचने के लिए करते हैं। करीब डेढ़ कुंचल दूध को देशी फरारी में लादकर वह हर रोज लगभर 25 किलोमीटर दूर बस्ती शहर लेकर जाते हैं। बता दें कि देश के बड़े उद्योगपति और महिंद्रा ग्रूप के सीईओ आनन्द महिंद्राने भले ही शिवपूजन से मिलने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन उनकी यह केवल ट्विटर तक ही सीमित रह गई। शिवपूजन ने बताया कि आनंद महिंद्रा की तरफ से खभी पर्सनली उन्हें कॉन्टैक्ट नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि महिंद्रा ग्रुप से कुछ लोग आए थे और वह केवल उन्हें प्रमाण पत्र देकर वापस चले गए।
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