भोले की दीवानी थाईलैंड की 2 बहनों ने कुशीनगर में आकर किया रुद्राभिषेक, हिंदू धर्म मानने के पीछे है बड़ा रहस्य

यूपी के जिले कुशीनगर में थाईलैंड के दो परिवार ने आकर भोलेनाथ की रुद्राभिषेक कराया। कोरोनाकाल की वजह से पिछले दो साल से वह यूपी नहीं आ पा रहे थी। लेकिन इस बार आकर उन्होंने अपनी इस सभ्यता को पूरा कर दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 22, 2022 5:40 AM IST

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के जिले कुशीनगर में विदेशी परिवार द्वारा एक अनोखा काम किया गया है, जिसे हर कोई प्रभावित हो रहा है। सावन के पावन महीने में विदेशी परिवार ने यूपी के कुशीनगर जिले में भगवान शिव की पूजा की। भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रसार देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रहा है। सनातन धर्म की रीतियां से विदेशी भी प्रभावित हो रहे हैं। इसी वजह से श्रावण के पावन महीने में भगवान शिव की महिमा से प्रभावित होकर थाईलैंड का दो परिवार हर साल भारत आकर भगवान शंकर का रुद्राभिषेक कराता है। 

वाराणसी आने के बाद हर साल भारत आकर कराती रुद्राभिषेक
दरअसल, थाइलैंड की रहने वालीं दो बहनें फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस ने अपने बेटे यम्मनीचाई के साथ यूपी के कुशीनगर में रामनगर स्थित शिव मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक किया। भारत आकर विदेशी महिलाओं द्वारा रुद्राभिषेक करने से ग्रामीणों में भी अलग ही उत्साह है। इसको देखने के लिए शिव मंदिर पर भीड़ भी लगी रही। भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने के बाद थाई बहनों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले जब वे वाराणसी आए थे, तभी उन्हें भगवान शंकर में श्रद्धा जगी थी, जिसके बाद हर साल वे भारत में सावन महीने में आकर रुद्राभिषेक कराती हैं।

विदेशी परिवार द्वारा सनातन धर्म की मानने की रही ये वजह
थाईलैंड के सुफनबुरी बैंकाक का रहने वाला यह परिवार हिंदू धर्म को मानने लगा इसके पीछे एक अलग ही रहस्य है। उन्होंने बताया कि थाईलैंड निवासी फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस का परिवार बहुत आर्थिक तंगी और अन्य परेशानियों में जी रहा था। इसी दौरान उन्हें किसी भारतीय ने भगवान शिव की आराधना करने की सलाह दी। इतना ही नहीं उस भारतवंशी ने उन्हें भोलेनाथ की तस्वीर देकर पूजा करने की विधि भी बताई। 

दोनों विदेशी महिला के सपनों में आने लगे भगवान शंकर
इतना ही नहीं इसके बाद फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस के सपने में भी भगवान शंकर आने लगे। कुछ दिन पूजा करने के बाद परिवार की आर्थिक परेशानी दूर हुई तो पूरे परिवार ने पता करके वाराणसी आकर बाबा विश्वनाथ और मारकंडे महादेव का दर्शन किया। इतना ही नहीं रुद्राभिषेक कराने की सलाह भी दी। तभी से यह परिवार हर साल सावन में रुद्राभिषेक कराता है। लेकिन कोरोना काल की वजह से दो साल यह परिवार भारत नहीं आ पाया था। थाईलैंड परिवार ने दो साल बाद आकर कुशीनगर आकर पास में ही स्थित रामनगर शिव मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ दोनों बहनों ने रुद्राभिषेक किया। 

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