कुशीनगर में 20 दलित हिंदू परिवारों ने अपने घर पर लगाए 'मकान बिकाऊ' के पोस्टर, प्रधान पति पर लगे गंभीर आरोप

यूपी के जिले कुशीनगर में 20 दलित हिंदू परिवारों ने अपने घर पर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगाए है। लोगों ने गांव के प्रधान पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए पलायन की बात कही है। इस बात की जानकारी होने पर पुलिस पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर कई बातें बोली है।  

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2022 10:13 AM IST

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के जिले कुशीनगर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल शहर के रामकोला थाना क्षेत्र के सपहा दहाउर टोले के दलित बस्ती में 20 घरों में मकान बिकाऊ होने का पोस्टर लगने से हड़कंप मच गया है। सोमवार की शाम सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने पर एक्शन में पुलिस आई और देर रात गांव में पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई। यहां के लोगों ने प्रधान प्रतिनिधि के उत्पीड़न से तंग आकर मकान बेचने की बात को लेकर पुलिस को बताया।

पुलिस ने देर रात तक लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराने में जुटी रही। दलित बस्ती के लोगों ने पानी का टैंक लगाने के नाम पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महफूज खान पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। दलित बस्ती की महिलाओं ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महफूज खान पर दबंगई के साथ-साथ धमकाने का भी आरोप लगाया है। घरों पर घर बिकाऊ होने का पोस्टर लगाने वाले घरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।

गांव के इन लोगों ने चस्पा रखे हैं पोस्टर
रामकोला थाना क्षेत्र के सपहा के दहाउर टोले में अनुसूचित जाति (पासी) के अधिकांश लोगों का मकान है। सोमवार को गांव के ओमप्रकाश, राजाराम, मनोज, जय प्रकाश, रामप्रवेश, रामसूरत, रामसकल, रामाश्रय सहित 20 लोगों के मकान पर यह मकान बिकाऊ है का पोस्टर लगाकर लोगों ने फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मकान बिकाऊ वाले पोस्टर पर प्रधान प्रतिनिधि पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए लोगों ने गांव छोड़ने की बात लिखी है।

प्रधान प्रतिनिधि से तंग आकर लोगों ने लिया फैसला
चस्पा पोस्टर पर दो समुदायों का मामला सामने आने पर सोमवार की देर रात पुलिस अधिकारी गांव में पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने घरों पर लगा पोस्टर भी फाड़ दिया, लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हरिजन आबादी की जमीन पर अगर पानी की टंकी बनी तो वे गांव से पलायन कर जाएंगे। गांव के लोगों का आरोप है कि अनुसूचित जाति की आबादी की भूमि पर प्रधान प्रतिनिधि ने जबरन पानी की टंकी बनवाने का प्रस्ताव तैयार करा दिया है। विरोध जताने पर प्रधान प्रतिनिधि ने मुकदमा भी दर्ज करा दिया है। प्रधान प्रतिनिधि के उत्पीड़न से तंग आकर ही लोगों ने मकान बेचने का फैसला लिया है।

प्रधान महफूज खान ने ग्रामीणों को लेकर कही ये बात
अपने घरों पर पोस्टर लगाने वाले लोगों का कहना है कि हरिजन आबादी के नाम पर दर्ज जमीन पर पानी की टंकी बनने पर सामूहिक रूप से गांव से पलायन कर जाएंगे। वहीं इस संबंध में प्रधान प्रतिनिधि महफूज खां ने कहा कि गांव में पानी की टंकी स्वीकृत हुई है। इसका निर्माण कराने के लिए पहले से जगह चिह्नित है। 20 दिन पूर्व तहसील प्रशासन ने चिह्नित जगह से अतिक्रमण हटवाया था। महफूज खान ने आगे कहा कि मामले को राजनीतिक तूल देने के लिए यह हरकत की जा रही है। 

पुलिस अधिकारियों के समझाने पर माने ग्रामीण
इसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एडीएम देवीदयाल वर्मा और एएसपी रितेश कुमार सिंह ने ग्रामीणों से बातचीत करके पानी की टंकी के लिए अन्य जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। एडीएम देवी दयाल वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों से वार्ता की गई है और पानी की टंकी के लिए कोई और और सरकारी जमीन की तलाश की जा रही है। इस संबंध में एएसपी रितेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और गांव का माहौल खराब करने वालों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आएगी।

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