
लखनऊ (Uttar Pradesh)। गोरखपुर में चौरी चौरा कांड का शताब्दी समारोह यूपी सरकार मना रही है। जिसका उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी आज शुरुआत किए। जो प्रदेश के सभी 75 जिलों में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। बता दें कि साल 1922 में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने चौरी चौरा में एक पुलिस चौकी में आग लगा दी गई थी। इस घटना में 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
अब जनविद्रोह कहलाएगी घटना
चौरीचौरा विद्रोह को अब तक ‘कांड’ के रूप में याद किया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री शहीदों के सम्मान में आज इसकी नई व्याख्या किए। अब से यह घटना जनविद्रोह कही जाएगी।
ये होंगे कार्यक्रम
-चौरी चौरा कांड में जान गंवाने वाले सत्याग्रहियों को शहीद माना गया था।
-चौरी चौरा कांड के शताब्दी वर्ष पर उनके परिवार वालों को सम्मानित किया जाएगा।
-सुबह प्रभात फेरी निकलेगी। शाम को हर शहीद स्थल पर दीप जलाए जाएंगे।
-शहीदों की याद में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
-एक साथ 30 हजार से ज्यादा लोग वंदे मातरम गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे।
-सभी को तय समय पर वंदे मातरम गाते हुए वीडियो अपलोड करना होगा।
गोरखपुर था क्रांतिकारियों का गढ़
13 अप्रैल 1919 को हुआ जलियांवाला बाग कांड और 4 फरवरी 1922 को चौरी चौरा की घटना के बाद से ही जंगे आजादी में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी, अशफाक उल्लाह जैसे क्रांतिकारी सोच के लोग हारावल दस्ते के रूप में उभरे थे। इन सबका मानना था कि आजादी सिर्फ अहिंसा से मिलने से रही। उस दौरान गोरखपुर ऐसे क्रांतिकारियों का गढ़ बन गया था। काकोरी कांड के आरोप में रामप्रसाद बिस्मिल ने वहीं की जेल में सजा काटी। बाद में 10 दिसंबर 1927 को उन्होंने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था।
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