5 देश के मरीजों पर रिसर्च, कोरोना से लड़ने की भारत के लोगों में क्षमता है अधिक

21 मार्च को ऑनलाइन जनरल में प्रकाशित रिसर्च पेपर संकट की इस घड़ी में भारतीयों के लिए उम्मीद जगा रहा है। एक्सपर्ट ने अपने रिसर्च में भारत, इटली, यूएसए, नेपाल व चीन के वुहान शहर के मरीजों पर केस स्टडी की। इसमें वुहान के दो मरीज की हिस्ट्री ली गई है।

लखनऊ (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस को लेकर भारत सहित कई देशों में लॉक डाउन चल रहा है। लोग अपने ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं। लेकिन,वैज्ञानिकों के ताजा शोध में भारत को राहत पहुंचाने वाली खबर सामने आई है। एक राष्ट्रीय समाचार पत्र के मुताबिक शोधकर्ताओं का दावा है कि इंडियन में एक विशिष्ट और विरला माइक्रो आरएनए मौजूद है। दिलचस्प बात यह कि मौजूदा कोरोना वायरस भी आरएनए वायरस है। बता दें कि शोधकर्ताओं के मुताबिक यह वंशानुगत आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) अन्य देशों के लोगों में नहीं पाया जाता है। इसमें कोरोना वायरस की तीव्रता को मंद करने की ताकत है। बता दें कि इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियिरंग एंड बायो टेक्नोलॉजी दिल्ली की टीम की ओर से कोरोना सार्स-टू पर यह शोध किया गया। इसमें एक्सपर्ट ने पांच देशों के कोरोना मरीजों पर स्टडी की। 

रिसर्च से ये बातें आईं सामने
रिसर्च के दौरान इंटीग्रेटेड सीक्वेंसिंग बेस्ड जीनोम की पड़ताल में भारतीयों में एक माइक्रो आरएनएए (एचएसए-एमआइआर-27-बी) मिला। यह माइक्रो आरएनए अन्य देशों के मरीजों में नहीं मिला। भारतीयों में कोरोना के सार्स-टू में एक म्यूटेशन भी देखा गया। इसमें वायरस की सतह पर एक विशेष प्रोटीन मिला। शोध में अनुमान लगाया गया कि भारतीयों में मौजूद विशेष माइक्रो आरएन सार्स-टू को म्यूटेट कर देता है। इससे वायरस की क्षमता अन्य देशों की अपेक्षा यहां कम हो रही है।

Latest Videos

सिर्फ भारत में मिला ये माइक्रो आरएनए
केजीएमयू की डॉ. शीतल वर्मा के मुताबिक रिसर्च में एचएसए-एमआइआर-27-बी नामक यह माइक्रो आरएनए अन्य देशों के मरीजों में नहीं मिला। इस शोध ने एक उम्मीद जगाई है। शोध को विस्तार दिया गया है। अब ऑनलाइन सभी देशों के मरीजों का डाटा जुटाया जा रहा है। डब्लूएचओ भी डाटा शेयर कर रहा है। लिहाजा, जल्द कुछ बड़ी उपलब्धि सामने होगी।

5 देश के मरीजों पर स्टडी
21 मार्च को ऑनलाइन जनरल में प्रकाशित रिसर्च पेपर संकट की इस घड़ी में भारतीयों के लिए उम्मीद जगा रहा है। एक्सपर्ट ने अपने रिसर्च में भारत, इटली, यूएसए, नेपाल व चीन के वुहान शहर के मरीजों पर केस स्टडी की। इसमें वुहान के दो मरीज की हिस्ट्री ली गई है।

Share this article
click me!

Latest Videos

Delhi Election 2025 से पहले आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, शीशमहल पर भी उठाए सवाल
Pakistani Airstrike पर भड़का Taliban, पाकिस्तान को नहीं छोड़ने की खाई कसम!Afghanistan Update
CM भजनलाल शर्मा की पत्नी और बेटे करते दिखे दंडवत परिक्रमा, 16 सालों से चल रहा है सिलसिला
Kota में पति की Retirement Party में पत्नी को आया Heart Attack, रुला देगी ये कहानी
'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम...' सुनते ही पटना में बवाल, सिंगर को मांगनी पड़ी माफी । Atal Jayanti Program