10 हजार बसों से घर पहुंचेंगे प्रवासी मजदूर, UP के 11 लाख क्वारेंटाइन सेंटर्स में तैनात हैं 50 हजार हेल्थ वर्कर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए 50 हज़ार से अधिक लोगों की मेडिकल टीमें प्रदेश भर में लगाई गई हैं। सोमवार को यूपी में 5 ट्रेनें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक से प्रवासी कामगार मजदूरों को लेकर पहुंच रही हैं

Asianet News Hindi | Published : May 4, 2020 9:50 AM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी मजदूरों, कामगारों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की मजबूत रणनीति बनाई है। स्पेशल ट्रेनों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 10 हज़ार बसें लगाई गई हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए 50 हज़ार से अधिक लोगों की मेडिकल टीमें प्रदेश भर में लगाई गई हैं। सोमवार को यूपी में 5 ट्रेनें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक से प्रवासी कामगार मजदूरों को लेकर पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी कम्युनिटी किचन की जियो टैगिंग की जा रही है। इनमें प्रवासी कामगारों के लिए अब तक तैयार 11 लाख क्वारेंटाइन सेंटर्स और आश्रय स्थलों की भी जियो टैगिंग की जा रही है।


यूपी में बाहर से आ रहे लोगों को पहले सरकार की तरफ़ से बनाए गए ज़िलों के क्वारेंटाइन सेंटर ले ज़ाया जाएगा।  इसके बाद मेडिकल जांच के बाद उन्हें जरूरत के हिसाब से होम क्वारेटाइन या अस्पताल भेजा जाएगा। जांच में जो भी लोग स्वास्थ पाए जाएंगे, उन्हें खाद्यान्न पैकेट के साथ होम क्वारेंटाइन में भेज दिया जा रहा है। इसके अलावा निराश्रित लोगों को भरण पोषण भत्ता भी दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लगे 50 हजार स्वास्थ्यकर्मी 
उत्तर प्रदेश में प्रवासी कामगार श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। आज भी 5 ट्रेन गुजरात महाराष्ट्र से कर्नाटक से प्रवासी कामगार मजदूरों को लेकर प्रदेश में आएंगी। इन्हें इनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए 10,000 बसें लगाई गई हैं। वहां इन्हें शासन के क्वारेंटाइन सेंटर ले जाया जाएगा और इनका हेल्थ चेक अप होगा। पूरे प्रदेश में 50,000 से अधिक मेडिकल टीम इस कार्य में लगी हैं जो हॉटस्पॉट, क्वरंटाइन सेंटर में स्क्रीनिंग चेकअप टेस्टिंग कर रहे हैं।

11 लाख क्वारांटाइन सेंटर्स भी बनाए गए 
प्रवासी मजदूरों के लिए सूबे में 11 लाख क्वारेंटाइन सेंटर शेल्टर होम की भी व्यवस्था की गई है। वहां उन्हें कम्युनिटी किचन के जरिए भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कम्युनिटी किचन पहले से ही जियो टैग किए गए हैं, अब क्वारेंटाइन सेंटर भी जियो टैग किए जा रहे हैं। चेकअप में स्वस्थ पाए गए लोगों को खाद्यान्न और ज़रूरतमंदों के भरण-पोषण भत्ता भी देकर घर भेजा जाएगा, जो लोग चेकअप में अस्वस्थ पाए जाएंगे। उन्हें हेल्थ सेंटर में उपचार के लिए भेजा जाएगा।

महाराष्ट्र और नागपुर से आए 3 हजार से अधिक मजदूर  
देश में लॉकडाउन के कारण स्पेशल ट्रेन से 970 यात्री नागपुर से लखनऊ के चारबाग पहुंचे। इन सभी यात्रियों की क्रमबद्ध तरीके से थर्मल स्कैनिंग कराई गई है। थर्मल स्कैनिंग कराने के बाद उन सभी यात्रियों को बसों द्वारा निशुल्क उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया। वहीं महाराष्ट्र में फंसे 2127 मजदूरों को लेकर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर पहुंची । प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के पहुंचने के बाद यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की गई। जांच के बाद एक-एक यात्री का नाम दर्ज करके उन्हें बस में बैठाकर उनके खाने पीने का सामान देकर रवाना किया गया। प्रशासन ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए 60 बसों का इंतजाम किया है। 

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