राज्य सरकार किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रदेशभर में 5000 भंडारण गोदाम बनाने जा रही है। पहले चरण में हर 10 गांव में एक गोदाम बनाए जाएंगे।
लखनऊ. राज्य सरकार किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रदेशभर में 5000 भंडारण गोदाम बनाने जा रही है। पहले चरण में हर 10 गांव में एक गोदाम बनाए जाएंगे। इस पर करीब 2500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन गोदामों के बनने से भंडारण क्षमता में 8.60 लाख मीट्रिक टन बढ़ जाएगी।अपर मुख्य सचिव सहकारिता एमवीएस रामीरेड्डी के मुताबिक इन सभी गोदामों ये भंडारण गोदाम सिर्फ किसानों की आय ही नहीं बढ़ाएंगे बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार का भंडार भी खोलेंगे।
अपर मुख्य सचिव सहकारिता एमवीएस रामीरेड्डी ने कहा है कि राज्य सरकार इन भंडारण गोदामों के जरिए केयरटेकर, एकाउंटेंट, सुरक्षाकर्मी और सुपरवाइजर जैसे हजारों पदों पर नौकरी के अवसर भी मिलने तय हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि किसानों की मेहनत बेकार न जाए और उन्हें फसल जल्द बेंचने के लिए उन्हें इधर-उधर न भटकना पड़े।उन्होंने बताया कि गोदामों के बनने के बाद किसान अपनी उपज खुद की सुविधा के मुताबिक बेच सकेंगे और बेहतर कीमत पा सकेंगे।
पूरा होगा योगी सरकार द्वारा किया गया वादा
योगी सरकार ने किसानों की उपज का बेहतर मूल्य दिलाने का वादा पूरा करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। भंडारण की व्यवस्था न होने से किसानों को फसल बचाने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर किसानों को उपज खराब होने के डर से मजबूरी में काफी कम कीमत में अपनी फसल बेचनी पड़ती है। व्यापारी और आढ़ती किसानों की इस मजबूरी को समझते हैं और मौके के इंतजार में रहते हैं। भंडारण की सुविधा बढ़ने के बाद किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकेंगे और बेहतर कीमत मिलने पर बाजार में बेच सकेंगे।
छोटे किसानों के लिए वरदान साबित होंगे ये गोदाम
भंडारण गोदामों के निर्माण को किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बेहद कारगर कदम माना जा रहा है। खासतौर से प्रदेश के छोटे और मझोले किसानों के लिए गोदाम वरदान साबित हो सकते हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बैठक कर प्रस्ताव को जल्द फाइनल करने के निर्देश सहकारिता विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। ग्राम पंचायतों और ब्लाक स्तर पर गोदाम बनाए जाने हैं। प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इन गोदामों में सीजन में किसानों से खरीदे जाने वाले अनाज के साथ ही किसान भी अपना अनाज रख सकेंगे। किसानों को अपना उत्पाद घर के पास रखने की सुविधा मिलेगी।