बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश द्विवेदी ने आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि आरक्षण की विसंगति से भर्ती से वंचित अभ्यर्थियों के चयन की सूची 28 दिसंबर को जारी की जाएगी। 6 जनवरी को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। इसमें छह हजार आरक्षित वर्ग के लोगों को नौकरी मिलेगी और 17 हजार पदों पर नई भर्ती जाएगी।
लखनऊ: लंबे समय से 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के लिए प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की आखिरकार जीत हो गई। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी (Dr. Satish Chandra Dwivedi) के एक बयान ने इस पूरे मसले को राहत पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 teacher recruitment) प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के तहत छूटे हुए 17 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश द्विवेदी ने आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि आरक्षण की विसंगति से भर्ती से वंचित अभ्यर्थियों के चयन की सूची 28 दिसंबर को जारी की जाएगी। 6 जनवरी को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। इसमें छह हजार आरक्षित वर्ग के लोगों को नौकरी मिलेगी और 17 हजार पदों पर नई भर्ती जाएगी। इसको लेकर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ सतीश द्विवेदी ने आदेश जारी किया है। ट्वीट के जरिए राज्यमंत्री ने बताया, 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की प्रक्रिया में विसंगति से प्रभावित लगभग 6000 अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा 17000 खाली पदों पर नई भर्ती भी होगी।
मुख्यमंत्री से मिले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की विसंगति को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को समस्या के त्वरित और न्यायसंगत समाधान के लिए निर्देश दिए हैं। इसे प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं।बता दें कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी लम्बे समय से संघर्षरत हैं और डेढ़ साल से आंदोलनरत हैं।
अभ्यर्थियों के क्या हैं आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी सरकार को इस मामले में पत्र भेजा है। सरकार कई बार अपना पक्ष रख चुकी है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार कर रही है। सरकार ने पिछले सत्र में विधानपरिषद में अपना जवाब दिया था कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है। इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए।