कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर के घर शोक की लहर, बड़ी संख्या में सांत्वना देने पहुंचे लोग

Published : Dec 09, 2021, 05:45 PM IST
कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर के घर शोक की लहर, बड़ी संख्या में सांत्वना देने पहुंचे लोग

सार

कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे ने कई वीर सपूतों को मौत की नींद सुला दिया। इन्हीं में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के निवास स्थल आगरा में शोक की लहर फैल गई है। लोग बड़ी संख्या में सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। विंग कमांडर 2000 में हैदराबाद में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे। उनकी बारह वर्षीय बेटी आराध्‍या और नौ वर्षीय बेटा अविराज भी है।   

आगरा: तमिलनाडु (Tamil nadu) में बुधवार को हेलीकॉप्टर (helicopter) हादसे का शिकार हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (Uttar Pradesh News, UP News,) (42) के निवास स्थल आगरा में शोक की लहर फैल गई है और उनके परिजन को सांत्वना देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंच रहे हैं। तमिलनाडु के कुन्नूर (Coonoor ) में वायु सेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत (Chief of Defense Staff General Bipin Rawat), उनकी पत्नी और 11 अन्य की मौत हो गयी है। विंग कमांडर चौहान भी मृतकों में शामिल हैं। हादसे में विंग कमांडर चौहान की मौत होने की सूचना मिलते ही उनके संबंधी और पड़ोसी यहां दयालबाग में सरन नगर स्थित उनके आवास पहुंचे। विंग कमांडर चौहान का परिवार 2006 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आगरा आ गया था और उनके पिता सुरेंद्र सिंह (74) ने यहां बेकरी का काम शुरू किया। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें हमारे बेटे की असामयिक मौत की सूचना समाचार चैनलों से मिली। बहरहाल, हमें वायु सेना के अधिकारियों या आगरा प्रशासन की ओर से बुधवार को इस खबर की आधिकारिक पुष्टि करने वाला कोई संदेश नहीं मिला।
 
 31 साल बाद मनाया था रक्षाबंधन 
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी बेटी ने टीवी पर यह खबर देखने के बाद पृथ्वी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने बताया कि पृथ्वी का फोन बंद था। इसके बाद उसने पृथ्वी की पत्नी कामिनी सिंह (kamini singh) को फोन किया, जिसने इस त्रासदीपूर्ण खबर की बात स्वीकार की। सुरेंद्र सिंह ने अपने बेटे को याद करते हुए कहा कि वह हमारा कुशल क्षेम लिया करता था। उसने 31 साल बाद अपनी तीन बहनों के साथ पिछले साल रक्षाबंधन मनाया था, लेकिन उसकी बड़ी बहन रक्षाबंधन पर नहीं आ पाई थी, क्योंकि वह मुंबई में रहती है।

सबसे छोटे थे विंग कमांडर पृथ्वी 
आपको बता दें कि  पृथ्वी सिंह चौहान पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। साथ ही विंग कमांचर के पिता ने कहा कि मैंने पृथ्वी से तीन-चार दिन पहले बात की थी। उसकी मां की नजर कमजोर हो गई है और पृथ्वी ने अपनी मां की सेना के अस्पताल में जांच के लिए समय लिया था। विंग कमांडर चौहान के माता-पिता ने बताया कि उनके बेटे ने मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल (sainik school) में पढ़ाई की। वह 2000 में हैदराबाद में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए और इस समय तमिलनाडु के कोयंबटूर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर तैनात थे। पृथ्‍वी का वृंदावन निवासी कामिनी सिंह से 2007 में विवाह हुआ था। उनकी 12 वर्षीय बेटी आराध्‍या और नौ वर्षीय बेटा अविराज है। आगरा से सांसद एवं केंद्रीय कानून राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने भी बुधवार देर रात दो बजे विंग कमांडर चौहान के घर पहुंचकर उनके परिवार को सांत्वना दी।

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