अदिति सिंह ने ट्विटर हैंडल से हटाया INC का नाम, बोली- ट्विटर से ज्यादा जरूरी है प्रवासी मजदूरों की मदद

Published : May 28, 2020, 11:17 AM IST
अदिति सिंह ने ट्विटर हैंडल से हटाया INC का नाम, बोली- ट्विटर से ज्यादा जरूरी है प्रवासी मजदूरों की मदद

सार

उत्तर प्रदेश की रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह अपनी राह अब बदलती दिख रही हैं। उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से INC भी हटा दिया है। प्रोफाइल बदले जाने के बाद ट्विटर ने उनकी प्रोफाइल से ब्लू टिक भी हटा दिया है

रायबरेली(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश की रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह अपनी राह अब बदलती दिख रही हैं। उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से INC भी हटा दिया है। प्रोफाइल बदले जाने के बाद ट्विटर ने उनकी प्रोफाइल से ब्लू टिक भी हटा दिया है। अदिति सिंह के इस कदम के बाद सियासी गलियारे का माहौल गर्म हो गया है। प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर शुरू हुई बस पालिटिक्स में शामिल हो कर पार्टी के खिलाफ बयान देने के बाद से ही अदिति सिंह के बगावती सुर दिखाई देने लगे थे। हांलाकि अदिति सिंह ने इस पर कुछ भी साफ-साफ़ बोलने से इंकार किया है। 

कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में सदर विधायक अदिति सिंह अब अपनी राह बदलती दिख रही हैं। डेढ़ दशक से अधिक समय तक रायबरेली की सियासत में अपना खासा रसूख रखने वाले बाहुबली नेता स्व. अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह के सुर अब बगावती होते दिख रहे हैं। पिछले 6 माह में अदिति सिंह ने अपनी पार्टी कांग्रेस के नियमों को कई बार तोड़ा है। अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं। पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। वहीं, कश्मीर से धारा-370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था। हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिये पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे। 

बस पालिटिक्स पर किया था पार्टी का विरोध 
यूपी में लॉकडाउन के बीच कई दिनों तक चली 'बस पॉलिटिक्स' पर अदिति सिंह ने अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की थी। इस पूरे मामले में विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार का समर्थन किया था। अदिति सिंह ने ट्वीट कर लिखा था, 'आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई। '

अदिति सिंह ने कहा, इस समय प्रवासी मजदूरों की सेवा ज्यादा जरूरी 
इस मसले पर अदिति सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दुनिया इस समय कोरोना महामारी से लड़ रही है। मेरा सबसे निवेदन है कि प्रवासी श्रमिक भाइयों की मदद ज्यादा से ज्यादा करें। मेरे निजी टि्वटर हैंडल पे क्या चल रहा है? इससे ज्यादा महत्वपूर्ण विषय है, कोरोना वायरस से लड़ाई और पीड़ितों की मदद हो । 

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