अयोध्या मामला: कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे दोनों पक्षकारों के वकीलों की कितनी थी फीस ?

 सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी के मुताबिक जब से सुन्नी वक्फ बोर्ड इस मामले में पक्षकार है तब से आज तक उनकी जानकारी में किसी भी वकील ने फीस नहीं मांगी।

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2019 10:35 AM IST / Updated: Nov 09 2019, 08:30 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh ). देश की सर्वोच्च अदालत में सबसे बड़े और विवादित मुकदमे पर फैसला हो गया। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की बेंच ने अपना फैसला सुना दिया। तकरीबन 1000 पेज के फैसले में उन तमाम बातों का जिक्र है जो इस केस का अहम हिस्सा रहे हैं। hindi.asianetnews.com ने मुस्लिम पक्षकारों के लिए लंबे समय से वकील के रूप में पैरवी कर रहे एडवोकेट जफरयाब जिलानी से भी बात की। इस दौरान उन्होंने केस से जुड़ी कई रोचक बातें शेयर कीं। 

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की रोज सुनवाई कर मामले को 40 दिन में निपटाने का फैसला लिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने लगातार 40 दिन तक अपनी दलीलें पेश कीं। दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने व तमाम साक्ष्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर शनिवार सुबह साढ़े दस बजे फैसला पढ़ना शुरु किया।

Latest Videos

किसी भी वकील ने नहीं ली फीस 

आल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव व सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी के मुताबिक, जब से सुन्नी वक्फ बोर्ड इस मामले में पक्षकार है तब से आज तक उनकी जानकारी में किसी भी वकील ने केस की पैरवी के लिए फीस नहीं मांगी। एक बार मामले में जिरह के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील एडवोकेट एके गर्ग को बुलाया था, जिसके लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को उन्हें फीस के लिए 11 हजार रुपए देने पड़े थे। 

एडवोकेट राजीव धवन ने की बहुत मेहनत 
जफरयाब जिलानी के मुताबिक, राजीव धवन इस केस से 1994 में जुड़े थे। तब से अब तक बिना फीस के ही वह पैरवी कर रहे हैं। हमने एक बार उनके सहायक को बतौर फीस पैसे देने की कोशिश की तो धवन साहब ने लौटा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें रुपयों की कोई चाहत नहीं है। वे वेतन पर काम करने जैसा व्यवहार नहीं करते। उन्होंने इस केस में जी-तोड़ मेहनत की है। 

हिंदू पक्ष के वकील भी नहीं लेते फीस 
दूसरे यानी हिंदू पक्ष के वकील भी इस केस को लड़ने के लिए कोई फीस नहीं लेते। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में मामले की पैरवी कर रहे वकील हरिशंकर जैन ने बताया था कि ये हम सबकी आस्था से जुड़ा मामला है। इसकी पैरवी के लिए हम कोई फीस नहीं लेते। उनके आलावा अन्य जो भी सीनियर वकील मामले की कोर्ट में पैरवी कर रहे थे वो सब भी फीस नहीं लेते थे। 

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh
PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
'क्या बेटा इतना बड़ा हो गया जो मां को आंख दिखाए' मोहन भागवत से Arvind Kejriwal ने पूछे 5 सॉलिड सवाल
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री