एयरलिफ्ट के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लखनऊ से कानपुर पहुंचाया पेशेंट, 75 किमी की दूरी सिर्फ 1 घंटे में की तय

थाईलैंड से एयरलिफ्ट के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लखनऊ से कानपुर तक मरीज को लाया गया। इस दौरान तीन जिलों की पुलिस सड़क पर उतरी थी और 75 किलोमीटर की दूरी सिर्फ एक घंटे में तय की गई। फिलहाल मरीज खतरे से बाहर है।  

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कानपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक मरीज को रविवार की देर रात अस्पताल पहुंचाया गया। दरअसल थाईलैंड में कानपुर के बड़े प्राइवेट अस्पताल रीजेंसी के मालिक डॉ. अतुल कपूर के बेटे डॉक्टर अभिषेक घायल हो गए। उनको गंभीर हालत में एयरलिफ्ट कर कानपुर लाया गया। इसके लिए लखनऊ एयरपोर्ट से रीजेंसी तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ऐसा यह पहला मामला है कि इतना लंबा कॉरिडोर बनाया गया है। वहां पहुंचने के बाद डॉक्टर के सिर की सफल सर्जरी कर दी गई है। 

मरीज को कानपुर लाने के लिए परिजन ने पुलिस से मांगी मदद
रीजेंसी के मालिक डॉक्टर अतुल कपूर का कहना है कि वह परिवार समेत थाईलैंड घूमने गए थे और वहां गिरने से बेटे की रीढ़ में गंभीर चोट लग गई। आनन-फानन में एयर एंबुलेंस से दिल्ली और फिर वहां से लखनऊ आए। उन्होंने आगे बताया कि लखनऊ से सेफ पैसेज के लिए पुलिस से मदद मांगी और तुरंत एक्शन लिया। रात करीब 11 बजे ऑपरेशन किया गया और फिर रीडेंसी अस्पताल के एमडी डॉक्टर अतुल कूपर ने ऑपरेशन हो गया है और अब घबराने की बात नहीं है।

Latest Videos

ग्रीन कॉरिडोर के रास्त में इन तीन जिलों की पुलिस सड़क पर थी मौजूद
लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से एंबुलेंस को एस्कॉर्ट कर लखनऊ पुलिस कानपुर सीमा तक आई। फिर कानपुर पुलिस ने गंगा बैराज के मार्ग रीजेंसी तक मरीज को पहुंचाया। इस दौरान तीन जिलों की पुलिस को अलर्ट किया गया था। रास्ते में पड़ने वाले लखनऊ, उन्नाव और कानपुर के सभी थानों में तैनात पुलिस ने एंबुलेंस को सेफ पैसेज उपलब्ध कराया। इसके साथ ही सभी चेक पॉइंट्स और चौराहों पर पहले ही पुलिस कर्मियों की तैनात कर रास्ता साफ कर दिया गया था। 

एंबुलेंस ने एक घंटे में तय कर ली 75 किलोमीटर की दूरी
अमौसी एयरपोर्ट से ALS एंबुलेंस के आगे पुलिस की एस्कॉर्ट फिर उसके बाद पुलिस की दो बाइक रोड का पूरा पैसेज खाली करातीं हुए चलीं। लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से रीजेंसी अस्पताल की दूरी करीब 75 किमी है और सामान्य तौर पर इतनी दूरी तय करने में 150 मिनट यानी ढाई घंटे लगते हैं। मगर रविवार की शाम जब सड़क तीनों जिलों की पुलिस उतरी तो यह दूरी तय करने में सिर्फ एक घंटे यानी 60 मिनट लगे। ग्रीन कॉरिडोर की वजह से अमौसी से रीजेंसी पहुंचने में डेढ़ घंटे कम समय लगा।

जानिए क्या होता है ग्रीन कॉरिडोर
आपको बता दें कि ग्रीन कॉरिडोर एक निश्चित समय के लिए मार्ग को किसी मरीज के लिए खाली कराना या ट्रैफिक कंट्रोल करने को कहते हैं। जिसमें मेडिकल इमरजेंसी जैसे- ऑर्गन ट्रांसप्लांट या मरीज की क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए बनाया जाता है। इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले जिलों की पुलिस एक साथ मिलकर मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तेज रफ्तार एंबुलेंस में ट्रांसफर करती है। इसके अंतर्गत हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए रास्ते पर आने वाले ट्रैफिक को 60-70 प्रतिशत तक कम करने की कोशिश करती है ताकि मरीज जल्द से जल्द पहुंच सके।

कानपुर में पुलिस टीम पर फिर हमला, श्रद्धा की तरह 35 टुकड़े की धमकी देने वाले युवक के परिजनों ने बरसाए लाठी-डंडे

यूपी मदरसों में अब 9वीं और 10वीं के छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप, केंद्र सरकार के आदेश के बाद किए गए अहम बदलाव

'बेटी को घर से ले जाकर करूंगा 36 टुकड़े' धमकी के बाद नाबालिग छात्रा ने छोड़ा स्कूल

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी