योगी सरकार ने प्रदेश में फ्री राशन के साथ ही एक और कल्याणकारी योजना को बंद कर दिया है। इस अन्य योजना के तहत अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग की गरीब कन्या के विवाह में 20 हजार की अनुदान राशि दी जाती थी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग की गरीब बेटियों के विवाह के लिए 20 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जाती थी। हालांकि यूपी सरकार ने व्यक्तिगत शादी अनुदान योजना के पोर्टल को बंद करने के लिए एनआईसी को पत्र लिखा है। ज्ञात हो कि इस योजना को मई में बजट में कोई पैसा नहीं दिया गया था। इससे पहले सरकार ने यूपी में फ्री राशन योजना को भी बंद कर दिया था।
फ्री राशन में बहाल हुई पुरानी व्यवस्था
गौरतलब है कि यूपी में माह में दो बार फ्री राशन बंट रहा था। इसमें एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा नियमित राशन वितरण था तो दूसरा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का। हालांकि अब कार्ड धारकों को एक योजना में राशन का पैसा देना पड़ेगा। इस योजना में प्रदेश सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया है। जुलाई माह का राशन 25 अगस्त से 31 अगस्त के बीच में बांटा जाएगा। इसके लिए कार्डधारकों को गेहूं दो रुपए प्रति किलो और चावल तीन रुपए प्रति किलो के दर से दिया जाएगा। समस्त जिला पूर्ति अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
राशन का देना होगा पैसा
खाद्य व रसद विभाग के अपर आयुक्त अनिल दुबे की ओर से इसको लेकर जानकारी दी गई कि इस योजना में नेफेड के तहत मिल रहा एक किलो नमक, एक किलो चना, रिफाइंड आदि चीजों को मुफ्त में ही दिया जाएगा। हालांकि राशन का पैसा देना होगा। अभी तक इस योजना में पात्र गृहस्थी लाभार्थी कार्ड पर प्रति यूनिट 5 किलो (2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल) जबकि अंत्योदय कार्ड पर प्रति कार्ड 35 किलो (14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल) राशन दिया जाता था। आपको बता दें कि गृहस्थी लाभार्थी यूनिट संख्या तकरीबन 14.97 करोड़ और अंत्योदय कार्ड धारक यूनिट संख्या लभभग 1.31 करोड़ हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना
वहीं 20 हजार रुपए की अनुदान योजना को बंद किए जाने पर विपक्ष के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि पहले गरीबों का मुफ्त राशन सरकार की ओर से बंद किया गया। अब गरीबों की बच्चियों की शादी के लिए मिलने वाले 20 हजार को भी बंद किया जा रहा है। गरीबों से भाजपा को इतना बैरभाव क्यों है। कार्पोरेट टैक्स माफ किए जा रहे हैं और गरीबों को मिलने वाले अनुदान योजना को बंद किया जा रहा है। सरकार कार्पोरेट लोगों के लिए है या गरीबों के लिए यह जवाब सरकार को देना होगा और इस योजना को फिर से शुरू करना होगा।