धारा 144 के चलते अखिलेश ने रद्द किया रामपुर दौरा, बोले-ऐसा लग रहा जैसे मेरे वहां जाने से दंगा हो जाएगा

अखिलेश आज रामपुर में होने वाले पार्टी प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे। सपा ने यह प्रदर्शन पार्टी के सांसद आजम खान के पक्ष में आयोजित किया था, इसके लिए आसपास के जिलों से कार्यकर्ताओं को भी जुटाया गया था। अखिलेश को प्रदर्शन में शामिल होने के साथ आजम और उनके परिवारवालों से मुलाकात भी करनी थी। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2019 5:59 AM IST / Updated: Sep 09 2019, 12:20 PM IST

रामपुर. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर में धारा 144 लागू होने के बाद अपना दौरा रद्द कर दिया है। लखनऊ में प्रेस कान्फ्रेंस करके उन्होंने कहा, मुझे आज रामपुर जाना था, कई कार्यक्रम थे। इससे संबंधित पूरा कार्यक्रम रामपुर प्रशासन को पहले ही दे दिया था, लेकिन वहां के डीएम ने मोहर्रम और गणेश विसर्जन का हवाला देते हमारे कार्यक्रम की व्यवस्था नहीं की। ऐसा बताया जा रहा कि मानो मेरे वहां जाने से दंगा हो जाएगा। अब मैं 13-14 सितंबर के अपने कार्यक्रम को जिला प्रशासन को भेजूंगा। हम प्रदर्शन जरूर करेंगे। 

अखिलेश ने साधा योगी सरकार पर निशाना
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, रामपुर के डीएम प्रदेश सरकार को खुश करने में लगे हैं। वो अपना एक्सटेंशन चाहते हैं, यूपी में ही पोस्टिंग चाहते हैं। हमारे नेता आजम को बेवजह परेशान किया जा रहा है। उनपर सबसे ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं। प्रशासन प्रदेश सरकार के दबाव में ये कार्रवाई कर रहा है। रामपुर में बीजेपी-कांग्रेस और प्रशासन सब मिले हुए हैं। सत्ताधारी पार्टी को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं। वो जिले में यूनिवर्सिटी भी बनने नहीं देना चाहती। रामपुर का मुद्दा सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए बना रखा है। यूपी में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही। किसान, व्यापारी सब परेशान हैं। ढाई साल में प्रदेश को कुछ नहीं मिला। यूपी किसी भी आंकड़े में बेहतर नहीं हुआ। बच्चों का खाना तक छीन लिया गया। 

बता दें, अखिलेश आज रामपुर में होने वाले पार्टी प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे। सपा ने यह प्रदर्शन पार्टी के सांसद आजम खान के पक्ष में आयोजित किया था, इसके लिए आसपास के जिलों से कार्यकर्ताओं को भी जुटाया गया था। अखिलेश को प्रदर्शन में शामिल होने के साथ आजम और उनके परिवारवालों से मुलाकात भी करनी थी। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया था, अखिलेश सबसे पहले बरेली जाएंगे, जहां वो पूर्व विधायक स्व. सियाराम सागर के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। उसके बाद वो रामपुर में पार्टी प्रदर्शन में शामिल होंगे। लेकिन आखिरी समय पर दौरा रद्द करना पड़ा। 

क्यों रामपुर में आयोजित किया गया था सपा का प्रदर्शन 
सपा सांसद आजम खान के खिलाफ रामपुर में 80 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें बिजली चोरी, अवैध जमीन कब्जा, भैंस चोरी, पानी की चोरी जैसे कई आरोप लगे हैं। इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है। इनके घर के बाहर सीजेएम कोर्ट का नोटिस भी चस्पा किया गया है, जिसमें आजम को 11 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। यही नहीं, रामपुर जिला प्रशासन इन्हें पहले ही भू-माफिया घोषित कर चुका है। 

इसको लेकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों आजम के बचाव में लखनऊ में प्रेस कान्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था, मैं जानता हूं कि उन्होंने जीवन में कोई गलत काम नहीं किया। वो किसी से पैसे नहीं ले सकते। मेरी मीडिया से अपील है कि वो उनकी मदद करे और सच्चाई लिखे। हमारे सांसद के साथ अन्याय हो रहा है। बीजेपी को उनसे सिर्फ इसलिए परेशानी है क्योंकि वो देश के बड़े नेता हैं। सपा अपने सांसद के पक्ष में प्रदेश भर में आंदोलन चलाएगी, मैं भी उस आंदोलन में हिस्सा लूंगा। जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलेंगे। माना जा रहा है कि मुलायम के निर्देश पर अखिलेश ने अभियान की कमान संभाली। 

...तो क्या मुलायम की नहीं सुनते सपाई
शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) भी आजम के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। पार्टी के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने आजम खान पर हो रहे उत्पीड़न का विरोध करते हुए कहा कि मुलायम के निर्देशों के बाद भी सपाई नहीं सुन रहे। वो आजम का खुलकर साथ देने से कतरा रहे हैं।

लोकसभा में आजम का बचाव कर चुके हैं अखिलेश
बीते दिनों लोकसभा में आजम खान एक शेर की कुछ लाइनें पढ़ रहे थे। उस समय लोकसभा स्पीकर की कुर्सी पर बैठीं रमा देवी ने आजम से कुर्सी की तरफ देखकर बोलने के लिए कहा। इस पर आजम ने रमा देवी पर कुछ टिप्पणी कर दी, जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। खुद रमा देवी ने आजम के बयान का विरोध किया था, जिसके बाद आजम ने लोकसभा में बिना शर्त माफी भी मांगी थी। साथ ही कहा था कि रमा मेरी बहन जैसी हैं। इस दौरान अखिलेश ने अपने सांसद का बचाव करते हुए सदन में कहा था कि आजम जब शेर की दो लाइनें कह रहे थे तो पीठ की ओर से कहा गया कि चेयर देखकर कहा जाए, लेकिन उन्होंने जो कहा उसकी भावना में कोई कमी नहीं थी।

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