शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम योगी ने लगाई मंत्रियों की पाठशाला, बोले- कामकाज में न रहे परिवार का हस्तक्षेप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद लोकभवन में मंत्रिमंडल के साथ परिचयात्मक बैठक की। उन्होंने साफ कह दिया है कि मंत्रियों के कामकाज में परिवार का कोई दखल न रहे। तो वहीं दूसरी ओर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी आगाह कर दिया कि यह बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ होने चाहिए।

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के साथ ही राजधानी में मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी नए मंत्री शामिल रहे। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद एक बार फिर से वह राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए हैं। लोकभवन में हुई योगी कैबिनेट की पहली बैठक  में सभी नए मंत्री शामिल हुए। इस बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, स्वतंत्र देव सिंह, जितिन प्रसाद समेत, बेबी रानी मौर्य सभी नए मंत्री शामिल हुए।

कामकाज में परिवार को कोई दखल न रहे
योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में सभी मंत्रियों को अपने तेवर और काम करने के तौर-तरीकों से वाकिफ करा दिया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि मंत्रियों के कामकाज में परिवार का कोई दखल न रहे। तो वहीं दूसरी ओर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी आगाह कर दिया कि यह बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ होने चाहिए। सीएम योगी ने यह भी मंत्रियो  को समझाया कि हर काम सबकी परफार्मेंस पर आधारित होना चाहिए। इसलिए अकारणवश कोई फाइल भी लंबित नहीं रहे। 

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जनता के साथ पिछली सरकार के मंत्रियों का जताया अभार
इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह के बाद लोकभवन में योगी आदित्यनाथ ने नए मंत्रियों के साथ पहली परिचयत्माक बैठक की। उसके बाद सभी नए मंत्रियों को योगी आदित्यनाथ ने अपने काम करने को लेकर पाठशाला के रूप में किया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रवाद, सुरक्षा, सुशासन और विकास पर विश्वास जताने के लिए प्रदेश की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रगति और समृद्धि में योगदान करने के लिए पिछली सरकार के मंत्रियों के प्रति भी आभार जताया।

जनसेवा से बढ़कर कोई पुण्य का काम नहीं
मुख्यमंत्री योगी कहते है कि जनसेवा से बढ़कर कोई और पुण्य का काम नहीं है। जनता के लिए दायित्वों का प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ निर्वहन करने से आत्मिक संतुष्टि मिलती है। योगी आगे कहते है कि सभी मंत्रियों को जनता और प्रदेश की सेवा करने का एक पुनीत अवसर मिला है। इस अवसर को उपलब्धि में बदलते हुए राज्य में विकास के साथ जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरंतर प्रयासरत रहना होगा।

सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी है बेहद महत्वपूर्ण
सीएम योगी ने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है। नीति-नियमों के तहत किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि फाइलों का निस्तारण समयबद्धता के साथ होना चाहिए। किसी भी स्थिति में कोई भी पत्रावलियां लंबित नहीं रहें। समय से अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर काम करें। योगी आगे कहते है कि मंत्री के सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्वों और काम में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान रखते हुए उन पर नजर रखनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने प्रभारी मंत्री के रूप में प्रत्येक माह जिले में जाकर विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से फीडबैक लेने की भी सलाह दी।

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