
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मलपुरा रोड स्थित जिस अस्पताल में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। अब उस अस्पताल को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल को चलाने वाला कोई डॉक्टर नहीं बल्कि एक कंपाउंडर था। बता दें कि बीए पास राजन ने अस्पताल खोलने से पहले कई अन्य अस्पतालों में बतौर कंपाउंडर नौकरी की थी। इसके बाद उसने अपना अस्पताल खोल लिया था। R.Madhuraj Hospital डॉक्टर ईशु शर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड था।
मौत के बाद खुला डिग्री का राज
आगरा के मलपुरा रोड पर स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में बुधवार सुबह तड़के आग लग गई थी। इस हादसे के दौरान अस्पताल संचालक और उनके बेटा व बेटी की दम घुटने से मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था। अस्पताल में आग लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरूकर दी थी। इस दौरान पता चला कि हॉस्पिटल को चलाने वाला संचालक राजन कोई डॉक्टर नहीं था। इसके साथ ही उसके पास कोई मेडिकल की डिग्री भी नहीं थी।
हादसे में संचालक और बेटा-बेटी की हो गई थी मौत
मृतक राजन के पिता गोपीचंद ने बताया कि राजन बीए पास था। कई सालों तक कंपाउंडर की नौकरी करने के बाद उसने आर मधुराज के नाम से खुद का अस्पताल खोल लिया था। आर मधुराज हॉस्पिटल के बैनर में भी डॉक्टर राजन लिखा हुआ है। वहीं आसपास के लोग और तामीरदार भी उसे डॉ राजन कहकर बुलाते थे। हॉस्पिटल के संचालक राजन सिंह खुद डॉक्टर नहीं बन पाए लेकिन उन्होंने अपनी ख्वाहिश खुद का अस्पताल खोलकर पूरी कर ली थी। मृतक के पिता ने बताया कि राजन अपने बेटे को डॉक्टर और बेटी को इंजीनियर बनाना चाहते थे।
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