आगरा में पारिवारिक विवाद के बाद पत्नी को देना था खर्च का पैसा, भत्ता ने देने पर न्यायालय ने लिया बड़ा फैसला

यूपी के जिले आगरा में पारिवारिक विवाद के बाद युवक को पत्नी को खर्च का पैसा देना था लेकिन उसने और उसके परिवार वालों ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद पारिवारिक न्यायालय ने महिला के ससुर की संपत्ति को कुर्की करने का आदेश दे दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2022 8:26 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां दंपति के बीच पारिवारिक विवाद के चलते तलाक हो गया। इसके बाद महिला को युवक के द्वारा खर्च का पैसा दिया जाना था लेकिन तीन लाख रुपए बचा था। इसी पैसे को देने के लिए परिवार न्यायालय ने बड़ा फैसला लिया है। पति से विवाद के बाद अलग रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता न देने पर परिवार न्यायालय के द्वारा ससुर की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के अदेशानुसार 15 दिनों तक बकाया पैसा न देने पर कुर्क की गई संपत्ति को बेच कर महिला को गुजारा भत्ता दिलाया जायेगा।

महिला के साथ ससुराल वालों ने की मारपीट
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के थाना शाहगंज का है। यहां की निवासी चिंतन भारती की शादी दस साल पहले प्रकाश नगर निवासी विवेक कुमार पुत्र दिनेश बाबू के साथ हुई थी। महिला के अनुसार शादी के बाद पति अपने पिता की जूते की दुकान में माल भरवाने के लिए दो लाख रुपए की मांग कर रहा था। उसके बाद मांग पूरी नहीं होने पर साल 2014 के सितंबर महीने में पति, देवर राहुल, ससुर समेत रिश्ते में एक और भाई महिला के साथ मारपीट की। इतना ही नहीं महिला के परिजन बेटी के ससुराल आए तो उसके भाई को भी पीटा। इसके बाद से ही वह अपने मायके आ गई।

पांच हजार रुपए देने का आदेश हुआ था जारी 
इसी मामले के बाद से तब से अब तक उसपर कई मुकदमे हैं। महिला कोर्ट के लगातार चक्कर काट रही है। इतना ही नहीं कई बार तो वारंट तक इश्यू हुआ पर पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। वहीं पीड़िता के परिवार ने इसको लेकर कहा कि पति विवेक के द्वारा गुजारा भत्ता के रूप में पांच हजार रुपए देने का आदेश जारी हुआ था लेकिन पूरे पांच साल एक महीना बीत गया है और अभी तक कोई गुजारे के लिए रुपया नहीं आया है। महिला के द्वारा दर्ज केस में ही परिवार न्यायालय ने कुर्की के आदेश दिए है।

कोर्ट ने दिए ससुर की संपत्ति के आदेश
पीड़िता के मामले में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश द्वारा गुजारे भत्ते के तीन लाख पांच हजार रुपए बचा है। कोर्ट ने इतना रुपया बचा होने की वजह से विवेक के पिता की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कह दिया है कि अगर कुर्की के बाद भी 15 दिनों में महिला को भत्ता नहीं दिया जाता है तो उस संपत्ति को बेचकर गुजारा भत्ता की रकम वसूल की जाएग। न्यायालय के द्वारा फैसले दिए जाने पर पीड़ित महिला को पूरा भरोसा है। इस आदेश के बाद से पीड़िता को भी हिम्मत मिली है। 

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