
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक महिला रोगी अपनी जिंदगी सालों से एक ही जगह पर काटने को मजबूर थी। इतना ही नहीं महिला 35 सालों से अंधेरी कोठरी और बेड़ियों में जकड़ी हुई थी। महिला को उसके अपने पिता ने उसे घर में कैद कर दिया था। इस मामले की जानकारी होने के बाद आगरा की पूर्व मेयर व हाथरस की विधायक ने इस महिला को बेड़ियों से मुक्त कराने के बाद मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया। यह मामला टूंडला के मोहम्मदाबाद गांव का है।
35 साल पहले पिता ने बनाया बेटी को बंदी
बरसों से कोठरी में जंजीरों से बंधी सपना ने 18 साल की उम्र के बाद बाहर की दुनिया नहीं देखी थी। दरअसल, महिला मानसिक रोगी है। सपना के गांव वालों ने भी उसकी यही नियति मान ली थी। हाथरस की विधायक अंजुला माहौर की कोशिशों के बाद सपना को बेड़ियों से मुक्त करवाया गया। जिसके बाद उसका मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज चल रहा है। अंजुला माहौर ने बताया कि करीब 1 महीने पहले सेवा भारती की निर्मला सिंह ने उन्हें इस मामले की जानकारी दी थी। जिसके बाद उन्हें इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था। विधायक ने निर्मला सिंह के नेतृत्व में सेवा भारती की महिला सदस्यों को गांव जाकर हकीकत जानने को भेजा था।
विधायक ने पीड़िता को कराया आजाद
जब टीम गांव पहुंची तो स्थानीय लोगों ने बताया कि सपना के पिता की डेढ़ साल पहले मृत्यु हो चुकी है। उसके दो भाई हैं। परिवार के लोग उसे कोठरी में बांधकर रखते हैं। सपना के पैरों में हमेशा जंजीरे बंधी रहती है। वह केवल आठ-दस फुट के क्षेत्रफल में ही गुजर बसर करती है। सपना के पिता द्वारा उसे यहां पर कैद किए जाने के बाद से घरवाले उसे यहीं भोजन देते थे। बाल्टी से पानी फेंककर उसे नहलाया जाता था। विधायक अंजुला ने सपना के परिवार से बातकर उन्हें महिला का इलाज कराने के लिए तैयार किया। मानसिक स्वास्थ्य विभाग में डॉ. ज्ञानेंद्र उनका इलाज कर रहे हैं। विधायक ने बताया कि महिला के परिजनों की काउंसिलिंग की जाएगी।
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