ताजमहल में नमाज को लेकर हिंदूवादी संगठन जाएगा कोर्ट, वीडियो वायरल होने के बाद ASI से भी की थी ये मांग

ताजनगरी आगरा में स्थिति ताजमहल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने पर हिंदूवादी संगठन कोर्ट जाने का फैसला लिया है। वीडियो के वायरल होने के बाद भी संगठन ने पुरातत्व विभाग से भी कार्रवाई की मांग की थी।

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2022 5:19 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित दुनिया का सातवां अजूबा ताजमहल अक्सर विवादों में घिरा रहता है। ताजमहल के परिसर में अगस्त के महीने में केरल के पर्यटकों ने नमाज पढ़ी। उसके बाद से नई बहस शुरू हुई कि ताजमहल परिसर में नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए। इसको लेकर हिंदूवादी संगठन कोर्ट जाने की तैयारी में है। बता दें कि ताजमहल की शाही मस्जिद पर नमाज पढ़ी जाती है। इसके अलावा सालाना उर्स पर इबादत होती है। इस पर रोक लगाने के लिए हिंदूवादी संगठन प्रयास कर रहे हैं। दरअसल सात महीने में यह तीसरी बार हुआ है कि परिसर में नमाज पढ़ी गई है, जबकि धार्मिक गतिविधियां इस परिसर में प्रतिबंधित हैं। 

बिना आदेश के रोक लगाकर विभाग ने विवाद किया है खड़ा
हिंदूवादी संगठन ने ताजमहल की शाही मस्जिद पर नमाज पढ़ी जाने की कोई अनुमति नहीं होने का दावा किया है। इस वजह से कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। ताजमहल मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष इब्राहीम हुसैन जैदी का कहना है कि शाही मस्जिद में पर्यटकों के नमाज़ पढ़ने पर कोई रोक नहीं है। ताजमहल के अंदर मस्जिद है और नमाज़ मस्जिद में पढ़ी जाती है। उन्होंने आगे कहा कि विभाग ने बिना किसी आदेश के रोक लगाकर विवाद खड़ा किया हुआ है। इसी कारण अनजाने में लोगों से परिसर में नमाज पढ़ने की गलती हो जाती है।

हिंदूवादी संगठन ने पुरातत्व विभाग कार्यालय का किया था घेराव
आपको बता दें कि रविवार को ताजमहल के गार्डन के अंदर मुस्लिम महिला-पुरुष के बैठे होने और पुरुष के नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग कई तरह के सवाल उठा रहे है। इसके बाद सोमवार को हिंदूवादी संगठन ने पुरातत्व विभाग के कार्यालय का घेराव कर एक्शन करने की मांग रखी। इसके अलावा प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा है। पुरातत्व विभाग ने अपनी फजीहत बचाने के लिए विभागीय जांच और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा लिखने के लिए थाना ताजगंज में शिकायत देने की जानकारी भीी दी है। इसके बाद से ही यह मामला पूरे राज्य ही नहीं बल्कि देश में सुर्खियां बटोर रहा है।

अखिल भारत हिंदू महासभा जल्द ही नमाज पर रोक के लिए जाएगा कोर्ट
अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट का कहना है कि आगरा के जाने-माने इतिहासकार और लेखक राज किशोर शर्मा ने साल 2018 में आरटीआई के तहत एक सवाल किया था। उसमें उन्होंने कहा था कि ताजमहल में नमाज की अनुमति किसने दी है। उसके बदले पुरातत्व विभाग ने अनुमति होने का कोई अभिलेख और जानकारी नहीं होने की बात कही थी। उसके बाद सवाल यह भी उठ रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजमहल में धार्मिक गतिविधियों पर रोक है। पर किसके आदेश पर ताजमहल के अंदर शुक्रवार, ईद और रमजान में नमाज होती है। उर्स के महीने में तीन दिन ताजमहल मुफ्त रखकर वहां इबादत करवाई जाती है। फिलहाल अखिल भारत हिंदू महासभा जल्द ही नमाज पर रोक लगाने के लिए कोर्ट जाने का फैसला किया है।

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