यूपी की ताजनगरी आगरा में एक बार कॉलोनियों के नाम बदलने की चर्चा हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानीय लोगों ने सीडीओ को समस्या का निस्तारण नहीं होने पर आंदोलन और कॉलोनियों के नाम बदलने को लेकर चेतावनी दी है।
आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी में कुछ दिनों पहले विकास के लिए भटक रहे लोगों ने अनोखे तरीके से विरोध किया था। शहर में शंकरगढ़ पुलिया से वायु विहार तक सड़क निर्माण के लिए आंदोलित लोग एक महीने बाद भी मायूस हैं। न अभी तक सड़क बनी है और न कोई सफाई कराई गई है। लोगों ने मंत्री से लेकर कमिश्नर, डीएम व सीडीओ तक गुहार लगाई। इतना ही नहीं स्थानीय लोग सोमवार को फिर सीडीओ से मिले है। इस दौरान उन्होंने समस्या का निस्तारण नहीं होने पर आंदोलन और कॉलोनियों के नाम बदलने की चेतावनी दी है।
20 हजार से अधिक लोगों को हो रही समस्या
दरअसल शहर में 40 से अधिक कॉलोनियों के 20 हजार से अधिक लोग बिना सड़क, नाली और सफाई के शंकरगढ़ पुलिया से वायु विहार के बीच रहने को मजबूर हैं। बीते दस अक्टूबर को क्षेत्रीय लोगों ने कॉलोनियों के नाम बदलकर डेंगू विहार, बदबू विहार, नाला मानसरोवर आदि के पोस्टर लगाए थे। इससे मामला काफी सुर्खियों में भी आया और फिर 16 अक्टूबर को क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य से मिले। उन्होंने कमिश्नर व डीएम संग बैठक कर समस्या दूर कराने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं जब इन नामों से दर्शाए गई कॉलोनियों के पोस्टर को नगर निगम के द्वारा हटवाया गया था तभी लोगों में खासा नाराजगी देखने को मिली थी।
बजट मिलते ही शुरू करा दिया जाएगा काम
स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब 7.82 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है। यह फंड मिलते ही उन इलाकों में काम शुरू हो जाएगा। जिसके बाद दो बार सीडीओ, एक बार डीएम व अन्य अधिकारी मौका मुआयना किया। फिर भी हालात जस के तस हैं। दूसरीओर क्षेत्रीय निवासी प्रहलाद चाहर, ओम प्रकाश शर्मा, सुशील शर्मा, आरपी सिंह, विनोद कुलश्रेष्ठ ने सीडीओ ए. मनिकन्डन से मुलाकात की। उन्होंने लोगों को आश्वास दिया है कि उन्हें बजट मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। जिस पर क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि जल्द काम शुरू नहीं हुआ तो फिर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वहीं, सीडीओ का कहना है कि प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजा जा चुका है और फंड मिलने पर काम शुरू हो सकेगा।