सार

यूपी के जिले मथुरा में सूटकेस में मिली युवती की लाश को लेकर चार घंटे तक पिता भटकता रहा और फिर जाकर एक्सप्रेसवे में फेंक दिया। मृतक युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि सिर में लगी गोली फंस गई और छाती में लगी गोली आरपार हो गई थी।  

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले मथुरा में लाल सूटकेस में मिली लड़की आयुषी का अंतिम संस्कार सोमवार की देर रात कर दिया गया है। जिस पिता ने इकलौती बेटी की हत्या की, उसी ने बेटी को मुखाग्नि देकर अंतिम प्रणाम कर रो पड़े। पिता नितेश यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से बेटी को दो गोलिया मारी थ। इस वारदात में उसकी पत्नी ब्रजबाला भी शामिल है। पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है और युवती का मोबाइल व लाइसेंसी रिवाल्वर बरामद कर लिया है। दूसरी ओर मृतक युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस के पास पहुंच गई है। जिसमें सामने आया है कि आयुषी के सिर और छाती में गोली मारी गई थी। छाती में लगी गोली फेंफड़ों को चीरते हुए पार हो गई जबकि सिर में लगी गोली फंसी रह गई। वीडियोग्राफी के मध्य तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। 

12 घंटे तक घर में रखी रही थी आयुषी की लाश
बेटी की हत्या की वजह माता-पिता को बिना बताए शादी करना है। दरअसल युवती ने साथ पढ़ रहे छत्रपाल गुर्जर निवासी भरतपुर राजस्थान से आर्य समाज मंदिर में करीब एक साल पहले शादी कर ली थी। उसके बाद वह बार-बार छिपकर उससे मिलती थी। दोनों बहुत मना करते पर वह नहीं सुनती थी। गुस्सा में आए पिता ने बेटी को गोली मारकर हत्या कर दी। 17 नवंबर को दिल्ली के बदरपुर स्थित घर में हत्या के बाद मां-बाप ने करीब 12 घंटे तक आयुषी की लाश को घर में रखा। पिता नितेश ने एक नहीं, बल्कि लाइसेंसी रिवॉल्वर से दो गोली आयुषी के सीने में मारी थी। थोड़ी देर में तड़पकर उसने दम तोड़ दिया। वारदात के बाद आयुषी के मां-पिता बदहवास हो गए। उनको समझ ही नहीं आ रहा था कि अब क्या और कैसे करें? फिलहाल पुलिस ने माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है। अब पुलिस भरतपुर (राजस्थान) में रह रहे आयुषी के पति छत्रपाल से भी पूछताछ करेगी। तब इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं। 

48 घंटे में युवती की शिनाख्त के साथ पुलिस ने किया खुलासा
पिता को गोली चलाने के बाद कुछ समझ नहीं आया कि अब कैसे-क्या किया जाए। इस वजह से वह इकलौती बेटी की लाश को ठिकाने लगाने के लिए योजना बनाई। वह तुरंत बाजार गए और वहां से पॉलिथीन खरीदी। उसके बाद शव को पॉलिथीन में भरकर सूटकेस में पैक किया और फिर आधी रात को 3.30 बजे कार की डिग्गी में रखकर निकल पड़े। पत्नी को आगे बैठाया ताकि कोई शक न कर पाए। दोनों ने शव को मथुरा जिले के ही राया इलाके में यमुना एक्सप्रेस-वे पर फेंक दिया। युवती की लाश 18 नवंबर की सुबह बरामद हुई। उसके बाद 19 नवंबर को लाश की शिनाख्त आयुषी यादव के रूप में की गई। पुलिस ने 48 घंटे में शिनाख्त और 60 घंटे में ब्लाइंड केस का खुलासा कर दिया कि किस वजह से घटना को अंजाम दिया गया और क्यों लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।

साल 2003 में जारी हुआ था रिवाल्वर का लाइसेंस 
आयुषी दिल्ली के देहली ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बीसीए की छात्रा थी। जिस लाइसेंसी रिवाल्वर से अपनी बेटी आयुषी को दो गोली मारकर हत्या की गई। उसका आर्म्स लाइसेंस देवरिया से बना हुआ है। साल 2003 में नितेश यादव के नाम से जारी हुआ है। उस समय नितेश करीब 25 साल के थे। अब उसकी उम्र करीब 44 साल है। देवरिया के गांव सोनाड़ी थाना भलुअनी के मूलत: रहने वाले नितेश के इस कृत्य की हर तरफ निंदा हो रही है। इस मामले का खुलासा करने में एसएचओ राया ओमहरि वाजपेयी, बिचपुरी चौकी प्रभारी विनय कुमार, राघवेंद्र, गोपाल, आशीष तिवारी, सोनू भाटी, अभिजीत कुमार, रमन चौधरी, मांट टोल चौकी प्रभारी रजत दुबे, स्वॉट टीम प्रभारी अजय कौशल, सर्विलांस प्रभारी विकास कुमार, एसआई हरेंद्र कुमार, संजीव कुमार, राहुल कुमार, राहुल बालियान, सुदेश कुमार शामिल रहे। 

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