आगरा: लोगों ने घिनौना नगर और बदबू विहार रखा कालोनियों का नाम, कहा- 14 साल से भटकने को हैं मजबूर

Published : Oct 09, 2022, 02:55 PM IST
आगरा: लोगों ने घिनौना नगर और बदबू विहार रखा कालोनियों का नाम, कहा- 14 साल से भटकने को हैं मजबूर

सार

यूपी के आगरा में पिछले 14 सालों से दौरेठा क्षेत्र के लोग विकास के लिए भटक रहे हैं। शनिवार को हुई बारिश से कई इलाके तालाब बन गए। इस समस्या से जूझ रहे लोगों का शनिवार को पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। 

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में विकास के लिए भटक रहे लोगों ने अनोखे तरीके से विरोध किया। 14 सालों से दौरेठा क्षेत्र के विकास के लिए भटक रहे लोगों का गुस्सा बीते शनिवार को सातवें आसमान पर था। दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते पूरा इलाका तलैया बन गया। आने-जाने का रास्ता बंद होने के कारण गुस्साए लोगों ने अफसरों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थानीय लोगों का कहना है कि भीमनगरी में 100 करोड़ की लागत लगाकर विकास कार्य करवाए गए थे। लेकिन दौरेठा का एक हिस्सा बदहाली की स्थिति में ही छोड़ दिया गया। गुस्साए लोगों ने ऐलान किया यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह लोग अफसरों और जनप्रतिनिधियों का घेराव करेंगे।

नाराज लोगों ने कॉलोनियों के रखे ऐसे नाम
दौरेठा क्षेत्र निवासी साल 2009 से सड़क और नाले के निर्माण के लिए इधर-उदर भटक रहे हैं। स्थानीय लोग नगर निगम, एडीए, विकास भवन के साथ विधायक, सांसदों के चक्कर काट रहे हैं। यह मामला पोर्टल के जरिए से सीएम योगी के दरबार तक भी पहुंच गया। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। बारिश के चलते शनिवार को कई इलाकों में पानी भर गया। निचले इलाकों में से दिन भर पानी नहीं निकल सका। जिसके बाद नाराज लोगों ने कालोनियों के नाम घिनौना नगर, नरक पुरी, दुर्गंधशील कॉलोनी और बदबू विहार रख दिया है। साथ ही घर के बाहर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा दिए हैं। 

वर्ष 2009 से विकास के लिए भटक रहे स्थानीय लोग
सुबह से हुई बारिश के चलते बिजलीघर, यमुना किनारा रोड, वीआईपी रोड, केदार नगर, शंकरगढ़ की पुलिया, आजमपाड़ा, आवास विकास कालोनी, शास्त्रीपुरम, कैलाशपुरी रोड, तोता का ताल, उखर्रा रोड आदि इलाकों में पानी भर गया। फिलहाल बारिश के बाद दोपहर तक पानी निकल गया। लेकिन शाम की बारिश के बाद इलाके में फिर से जलभराव हो गया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने मामले को सीमा विवाद में फंसा दिया है। साल 2008-09 में भीमनगरी के लिए 100 करोड़ रुपये से विकास कार्य हुआ था। तब एडीए नाला और सड़क बन रहा था। लेकिन विकास कार्य एक हिस्से तक नहीं पहुंच पाया। जब लोगों ने इसके लिए एडीए से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह हिस्सा एडीए की सीमा में नहीं आता है।

ताजनगरी में गाड़ी से कुचलकर की गई प्रेमिका की हत्या, पत्नी बताकर कर दिया अंतिम संस्कार, बस यहां पर हो गई चूक

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

न गोली, न जाल… भालू बनकर बिजनौर के किसानों ने निकाला बंदरों को भगाने का समाधान
पंकज चौधरी के जरिए शक्ति संतुलन का क्या है प्लान? गोरखपुर फैक्टर ही सबका ध्यान!