यूपी के आगरा जिले में हलवाई बबलू के मासूम बेटे की हत्या उसके दोस्त बंटी और टिंका ने की थी। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। बेइज्जती का बदला लेने के लिए आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था।
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा के शंभू नगर निवासी हलवाई बबलू से बदला लेने के लिए दोस्त बंटी ने उसके इकलौते बेटे को गोल्डी को मौत के घाट उतार दिया। आरोपी बंटी और टिंका बबलू से बदला लेना चाहते थे। इसलिए आरोपियों ने मासूम बच्चे की हत्या कर दी। साथ ही आरोपी बंटी अपने दोस्त बबलू की पत्नी बबली पर भी बुरी नियत रखता था। इस बात की जानकारी होने पर बबलू ने उसे बेइज्जत कर घर से भगा दिया था। वहीं नवरात्रि में प्रसाद वितरण के दौरान बबलू ने टिंका को खूनी कहकर प्रसाद वितरित करने से मना कर दिया। जिस कारण टिंका भा बबलू से दुश्मनी पाल बैठा था। बेइज्जती का बदला लेने के लिए आरोपियों ने बबलू या उसके इकलौते बेटे गोल्डी की हत्या की साजिश रच डाली।
बेइज्जती का बदला लेने के लिए बनाया हत्या का प्लान
आरोपिय़ों ने हत्या के बाद मोहल्ले के ही एक युवक को हत्या की साजिश में फंसाने का प्लान बनाया था। लेकिन पुलिस पड़ताल में पूरा मामला खुल गया और आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। बता दें कि एत्माद्दौला के शंभू नगर निवासी बबलू कुमार का बेटा गोल्डी घर के बाहर खेलते हुए गायब हो गया। परिजनों के तलाशने पर भी जब उसका कोई पता नहीं चल सका तो मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। जिसके बाद पुलिस को गोल्डी का शव बरामद हुआ। इस दौरान दोनों आरोपी परिवार के साथ ही बच्चे को ढूंढने का नाटक करते रहे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी बंटी ने पुलिस को बताया कि वह बबलू का दोस्त और रिश्तेदार है।
दोस्त की पत्नी पर थी आरोपी की गंदी नजर
रिश्तेदारी होने के कारण उसका अक्सर बबलू के घर आना-जाना लगा रहता था। उसने बताया कि करीब दो-तीन महीने पहले बबलू का एक्सीडेंट हो गया था। तब आरोपी ने उसकी देखरेख की थी। इस दौरान वह बबलू की पत्नी को अस्पताल लेकर आता-जाता था। जिस कारण उसकी नियत अपने दोस्त की पत्नी पर खराब हो गई थी। जब बंटी ने इस बारे में बबलू की पत्नी बबली को बताया तो बबली ने उसे बेइज्जत कर भगा दिया था। इसके बाद मामले की शिकायत अपने पति से कर दी थी। मामले की जानकारी होने पर बबलू ने भी बंटी को उल्टा-सीध बोलकर उसे काफी बेइज्जत किया था। वहीं कई अन्य बातों को लेकर भी दोनों के बीच में झगड़ा हुआ था।
खूनी कहकर प्रसाद वितरित करने से किया था मना
वहीं हत्यारोपी टिंका ने बताया कि नवदुर्गा के समय मोहल्ले में भंडारे का आयोजन हुआ था। इस भंडारे में टिंका ने चावल और 500 रुपए दान किए थे। लेकिन उस दौरान बबलू ने यह कहकर उसकी बेइज्जती की थी कि वह खूनी से नवदुर्गा के भंडारे में कोई सहयोग नहीं लेंगे और ना ही खूनी के हाथ से प्रसाद वितरित करवाएंगे। टिंका ने बताया कि दो साल पहले वह मैनपुरी के एलाऊ थाना में हत्या के मामले में जेल जा चुका था। वहीं बबलू द्वारा उसे खूनी कहा जाना इतना अखर गया कि वह किसी तरह से उससे बदला लेना चाहता था। इसलिए उन दोनों ने बदला लेने के लिए बबलू के मासूम बेटे को अपना निशाना बनाया। आरोपियों ने बताया कि घटना वाले दिन उन्होंने गोल्डी को राधा कृष्ण मंदिर पर बुलाकर लाए थे।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
इसके बाद उसे बाइक पर बैठाकर कालिंदी विहार पार्क ले गए। जहां पर आरोपियों ने मासूम बच्चे के सीने में गोली मारकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। बच्चे के शव को उन्होंने दुकानों के बराबर हौदे में डाल दिया था। टिंका ने बताया कि इस दौरान वह अपना फोन जान-बूझकर घर पर छोड़ कर गया था। जिससे कि उसपर किसी को शक ना हो। पुलिस और परिवार वालों को गुमराह करने के लिए वह बच्चे की तलाश में जुटे रहे। आरोपी मोहल्ले के विष्णु को जानबूझ कर उस होद के पास ले गए जहां पर बच्चे की लाश पड़ी थी। जिससे कि वह शोर मचाकर सबको शव पड़े होने की बात बता सकें। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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