Special Story: 1996 के बाद यहां 26 साल से सियासी जमीन पर जीत की फसल उगाने में नाकाम है कांग्रेस

Published : Jan 18, 2022, 04:42 PM IST
Special Story: 1996 के बाद यहां 26 साल से सियासी जमीन पर जीत की फसल उगाने में नाकाम है कांग्रेस

सार

करीब 70 साल तक देश की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस पार्टी को आगरा में जीत की दरकार है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में लगातार मेहनत कर रही हैं। आगरा की नौ में से सात विधानसभा के प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है।

सुनील कुमार
आगरा: देश में सबसे ज्यादा शासन करने वाली राजनैतिक पार्टी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में 26 साल से एक भी जीत नसीब नहीं हुई है। वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में खेरागढ़ विधानसभा से आखिरी बार मंडलेश्वर सिंह ने चुनाव जीता था। तब कांग्रेस के लिए आगरा की सियासी जमीन बंजर साबित हो रही है। हालांकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में लगातार मेहनत कर रही हैं। उन्होंने हाथरस कांड और आगरा की पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत पर सरकार को घेरा और दलित वोटबैंक पर सेंधमारी करने का प्रयास किया है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। आगरा में सभी नौ सीटों पर सबसे कमजोर आंकी जा रही कांग्रेस पार्टी क्या इस बार हार का तिलिस्म तोड़ने में कामयाब साबित होगी यह बड़ा सवाल है। इसका जवाब भी आगामी चुनाव परिणाम ही तय करेंगे, लेकिन कांग्रेस ने आगरा की नौ सीटों में से अब तक आगरा की सात सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। जिसमें दो महिला कैंडीडेट भी शामिल हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार आगरा की दो विधानसभा सीट खेरागढ़ और दक्षिण पर उनकी जीत निश्चित है।

खेरागढ़ में एक फिर बन रहे हैं समीकरण
कांग्रेस ने खेरागढ़ से ठाकुर प्रत्याशी रामनाथ सिंह सिरकरवार पर दांव लगाया है। खेरागढ़ विधानसभा ठाकुर बाहुल्य सीट है। खेरागढ़ विधानसभा में करीब 80 से 85 हजार ठाकुर मतदाता हैं, 60 से 65 हजार ब्राह्मण, 35 से 40 हजार कुशवाह, 25 से 30 हजार दलित वोटर हैं। इसके अलावा अन्य जातियों को मिलाकर 3,26933 कुल वोटरों की संख्या है। कांग्रेस नेताओं की मानें तो ठाकुरों और ब्राह्मण वोटरों में उनकी अच्छी खासी पैठ है। कांग्रेस इस बार यहां से जीत हासिल कर सकती है।

खेरागढ़ से 1996 में 1193 वोट से हुई थी जीत
कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। कांग्रेस प्रत्याशी मंडलेश्वर सिंह ने निकटम प्रतिद्वंदी बीजेपी के जगदीश चंद्र दीक्षित को 1193 वोटों से शिकस्त दी थी। इसके बाद कांग्रेस लगातार जीत के लिए जद्दोजहद करती हुई नजर आयी है। वर्ष 2012 और 2017 के चुनाव में व्यापारी नजीर अहमद को दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ाया था जो कि तीसरे नंबर पर रहे और 39 हजार से अधिक वोट लेकर आए थे।

महिला उम्मीदवारों पर जताया है भरोसा
महिलाओं को 40 फीसद टिकट देने की बात कहने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार दो महिला प्रत्याशी शिवानी सिंह बघेल एत्मादपुर और मनोज दीक्षित बाह से को मैदान में उतारा है। महिलाओं के प्रति सुहानभुति प्रकट करने वाली प्रकट करने वाली प्रियंका गांधी का कितना प्रभाव रहेगा यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे।

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