AIMIM ने यूपी व जिला स्तर की सभी इकाइयां की भंग, जानिए आखिर क्या है कारण?

Published : Mar 24, 2022, 12:26 PM IST
AIMIM ने यूपी व जिला स्तर की सभी इकाइयां की भंग, जानिए आखिर क्या है कारण?

सार

AIMIM ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न होने के कारण राज्य व जिला स्तर की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि चार दिवसीय समीक्षा बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार चर्चा के बाद प्रदेश व जिला स्तर की सभी इकाइयां भंग किया गया है। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत मिली तो वहीं दूसरी पार्टियों को करारी हार का समाना करना पड़ा। चुनावी परिणाम के बाद पार्टियों ने हर तरह की इकाइयों को भंग करने का फैसला कर लिया था। इसी कड़ी में यूपी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न होने के कारण आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) की प्रदेश व जिला स्तर की सभी इकाइयां भंग कर दी गई हैं। इसका निर्णय पार्टी के प्रदेश व जिला स्तर के पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों तथा विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की 20 से 23 मार्च तक चार दिवसीय समीक्षा के बाद लिया गया है। 

चार दिवसीय की बैठक के बाद लिया गया है फैसला
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि चार दिवसीय समीक्षा बैठक में कई बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा के बाद प्रदेश व जिला स्तर की सभी इकाइयां भंग कर दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में एआइएमआइएम ने अपने 103 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे, लेकिन एक भी सीट पर उसे कामयाबी नहीं मिल सकी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी एआइएमआइएम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।

मुसलमानों का मुद्दा उछालकर राजनीतिक जमीन रही थी तलाश 
साल 2017 के बाद 18वीं विधानसभा के चुनाव में AIMIM के हाथों एक बार फिर असफलता हाथ आई। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की अनदेखी का मुद्दा उछालकर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही एआइएमआइएम को दोबारा भी करारी हार का समाना करना पड़ा। पार्टी ने 103 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे, लेकिन किसी भी सीट में AIMIM को सफलता नहीं मिली।

AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में इस बार फिर आकर मुसलमानों को शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार से दूर रखे जाने का मुद्दा छेड़ा था। खासकर मुस्लिम समाज के ओबीसी वर्ग की राजनीतिक भागीदारी का सवाल उठाकर ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास भी किया, लेकिन हर चाल असफल रही।

2017 की तुलना में वोट प्रतिशत में हुई बढ़ोत्तरी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एआइएमआइएम ने साल 2017 में पहली बार कदम रखा था। तब पार्टी ने मात्र 38 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा था। तब 37 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 103 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे। पिछले चुनाव में एआइएमआइएम के हिस्से 0.2 प्रतिशत वोट आये थे। इस बार उसके खाते में 0.47 प्रतिशत वोट आये हैं। पार्टी के वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी तो हुई है लेकिन कुछ खास असर नहीं दिखा पाई। 

जयंत चौधरी ने ईमेल आईडी जारी कर आमजन से मांगे सुझाव, विधायकों की कार्यशैली और व्यवस्थाओं पर होगा मंथन

यूपी बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं,अपर मुख्य सचिव ने केंद्रों का किया निरीक्षण

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

उत्तर प्रदेश बना ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद, योगी सरकार की नीतियों से बढ़ा अंतरराष्ट्रीय भरोसा
ग्रामीण आजीविका मिशन: मीरजापुर की सुशीला देवी बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल