'हार की बौखलाहट में सहयोगी दलों का नाम भी नहीं ले रहे अखिलेश' - ब्रजेश पाठक

 शनिवार को मीडिया से बातचीत में अखिलेश और राहुल गांधी के गठजोड़ का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि यूपी ने 2017 में दो लड़कों का गठबंधन भी देखा था। यही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बुआ-बबुआ का भी गठबंधन देखा। ब्रजेश पाठक ने कहा कि इन सबका हश्र सबने देखा था। गठबंधन कितने दिन के थे।

Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2022 6:27 AM IST

लखनऊ :  उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक (Brijesh Pathak) ने सपा और रालोद के गठबंधन को 'मज़ाक' करार देते हुए कहा कि इस गठबन्धन का भी वही हश्र होगा जो सपा-कांग्रेस गठबंधन का पिछले विधानसभा चुनाव में हुआ था। शनिवार को मीडिया से बातचीत में अखिलेश और राहुल गांधी के गठजोड़ का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि यूपी ने 2017 में दो लड़कों का गठबंधन भी देखा था। यही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बुआ-बबुआ का भी गठबंधन देखा। ब्रजेश पाठक ने कहा कि इन सबका हश्र सबने देखा था। गठबंधन कितने दिन के थे।

उन्होंने सपा-रालोद गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज भी एक गठबंधन बना है जिसके रास्ते 10 मार्च के बाद जुदा हो जायेंगे। यूपी के वरिष्ठ मंत्री ने समाजवादी पार्टी के परिवारवाद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक परिवार का ही विकास सोचने वालों को भाजपा का 'सबका साथ, सबका विकास' अजूबा ही लगेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का भरोसा सबका साथ और सबका विकास में ही नहीं सबके विश्वास में भी है। क्योंकि हमारी सरकार में सरकारी योजनाएं सबके लिए, मकान सबके लिए, अनाज सबके लिए, शौचालय सबके लिए, बिजली के कनेक्शन सबके लिए, गैस कनेक्शन सबके लिए, दवाई और पढ़ाई सबके लिए है।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव हार के डर और बौखलाहट में अपने सहयोगी दलों का नाम तो भूल ही गए हैं, साथ ही सहयोगी दलों को बोलने का मौका भी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा 'अखिलेश जी! आप की उलझन भी हम समझ सकते हैं, क्योंकि आज उत्तर प्रदेश के पावरफुल होने पर बत्तीगुल पार्टी को तकलीफ हो रही है'।

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