यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अखिलेश यादव ने सवाल उठाए। इस बीच सीएम योगी ने उनको जवाब देते हुए कहा कि दूसरों को उपदेश देना बहुत ही आसान काम है। सरकार प्रदेश में बेहतर काम कर रही है।
लखनऊ: यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन भी हंगामे के साथ कार्यवाही शुरू हुई। इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष में सवाल-जवाब हुए। सदन के नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल खड़े किए। इसका जवाब सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिया गया। अखिलेश यादव ने पूछा अगर सरकार के पास बजट नहीं है तो मुख्यमंत्री को ये स्वीकार करना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट कर देना चाहती है। इसके चलते आम लोगों से इलाज दूर हो जाएगा। इस बीच उनके द्वारा सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों का ब्यौरा भी दिया गया।
'दिल्ली वालों को समझना चाहिए यूपी से ही बनती है सरकार'
अखिलेश यादव के द्वारा कहा गया कि सरकार कहती है कि स्टाफ नहीं है। यदि सच में स्टाफ की कमी है तो भर्ती की जाए। पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाए। सरकार एक तरफ तो मुफ्त इलाज का दावा कर रही है लेकिन दूसरी तरफ सभी तरह की जांचों को प्राइवेट हाथों में दे रही है। एमआरआई और सिटी स्कैन तक का पैसा लिया जा रहा है। इस बीच अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली वाले मदद नहीं करते हैं। दिल्ली वालों को समझना चाहिए कि दिल्ली की सरकार यूपी से ही बनती है।
Koo Appबुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में इस वर्ष के अंत तक हम ’हर घर नल’ योजना को हर घर तक पहुंचाने का कार्य संपन्न कर चुके होंगे। प्रदेश में 30 हजार गांवों की कार्ययोजना अंतिम चरणों में चलकर उनपर कार्य भी प्रारंभ हो चुका है: #UPCM @myogiadityanathView attached media content- Chief Minister Office, Uttar Pradesh (@CMOfficeUP) 20 Sep 2022
'पर उपदेश कुशल बहुतेरे'
वहीं सीएम योगी के ओर से इसका जवाब देते हुए कहा गया कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे... अर्थात दूसरों को उपदेश देने बहुत ही आसान काम है। दुर्भाग्य से प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार रही है। लेकिन बीते पांच सालों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो सुधार हुआ है वह उल्लेखनीय है। पहले पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस से हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं में जो भी बेहतर हो सकता था वह करने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की ओर से विशेषाधिकार हनन का सामूहिक नोटिस भी सदन में दिया जाएगा। बीते दिन विधानसभा की कार्रवाई में शामिल होने के लिए जाने के दौरान सपा कार्यालय से विधानसभा तक विधायक पैदल मार्च कर रहे थे। हालांकि इस बीच पुलिस ने उन्हें रोक लिया था। इसके बाद अखिलेश यादव के साथ अन्य विधायक सड़क पर ही बैठ गए थे।
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