PM मोदी के काशी दौरे पर अखिलेश का बड़ा बयान, कही ये बात

अखिलेश यादव ने सोमवार को इटावा के सैफई में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक महीना क्या 3 महीने तक बनारस में रहें। वो जगह रहने के लिए अच्छी है। आखिरी समय में वहीं रहा जाता है। उनके इस बयान के दो मायने निकाले जा रहे हैं। इसे पीएम मोदी की राजनीति के अंत से जोड़ा जा रहा है, तो बनारस में मोक्ष-प्राप्ति के लिए लोगों के अपने अंतिम समय आने से भी जोड़ा जा रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2021 12:41 PM IST / Updated: Dec 13 2021, 06:13 PM IST

इटावा: उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को इटावा के सैफई में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक महीना क्या 3 महीने तक बनारस में रहें। वो जगह रहने के लिए अच्छी है। आखिरी समय में वहीं रहा जाता है।

उनके इस बयान के दो मायने निकाले जा रहे हैं। इसे पीएम मोदी (PM Modi) की राजनीति के अंत से जोड़ा जा रहा है, तो बनारस में मोक्ष-प्राप्ति के लिए लोगों के अपने अंतिम समय आने से भी जोड़ा जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि अखिलेश एक राजनेता हैं और उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था, जिसमें पीएम के अंतिम वक्त की कामना भी झलके।

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अखिलेश आज भाजपा पर बहुत हमलावर थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनाव को ध्यान में रखकर तीनों कृषि कानून वापस लिए हैं। भाजपा के लिए किसान नहीं बल्कि वोट महत्वपूर्ण हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार प्रदेश की जनता भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकेगी।

उधर, भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा अखिलेश यादव का यह बयान बेहद निंदनीय है, प्रधानमंत्री के लिए यह भाषा अखिलेश यादव की हताशा और बौखलाहट दिखा रही है। जब तक सत्ता में थे, अयोध्या, काशी और मथुरा से इनका दुराग्रह पूरी जनता ने देखा है। अब पीएम के लिए ऐसी भाषा ना सिर्फ काशी वालों का बल्कि हिंदुस्तान के लोगों का अपमान है।

भाजपा को नहीं है किसानों से हमदर्दी

उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार आने पर आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को 25 लाख रुपए देगी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार रात में अपने पैतृक गांव सैफई पहुंचे थे। सोमवार सुबह उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को यदि किसानों से हमदर्दी होती तो यह आंदोलन इतना लंबा नहीं चलता, जिसकी वजह से 700 किसानों की मौत हो गई। भाजपा सरकार सिखों और किसानों से डर गई। इसकी वजह से कृषि कानून वापस लिए गए।

सपा सरकार में हुआ सबसे ज्यादा विकास

भाजपा देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का दावा करती है, इस हिसाब से तो सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। वह चाहे तो किसानों की करोड़ों रुपए की मदद कर सकती है। सैफई में दावा करते हुए अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में विकास के खोखले दावे उन्होंने नहीं किए हैं। ऐसा आरोप लगाने वाले ये देख लें कि एक हजार करोड़ से उन्होंने देश का सबसे अच्छा पुलिस मुख्यालय बनवाया है, जिसमें अभी हाल ही में डीजीपी सम्मेलन हुआ था। सभी डीजीपी हमारे विकास कार्य की प्रशंसा करके गए हैं। इसके अलावा हमने डायल 100 पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च किए।

अखिलेश बोले-भाजपा में आपसी कलह बढ़ी

सपा अध्यक्ष ने पूछा- 'क्या हम जनता की सुरक्षा पर खर्च न करके इधर-उधर खर्च करते। मुफ्त राशन वितरण योजना पर उन्होंने कहा कि गरीब को सिर्फ राशन मिलना ही काफी नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि उन्हें पौष्टिक भोजन मिले'। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में सूखे की मार पड़ी थी तो उन्होंने किसानों को सरसों का तेल और घी भी दिया था। अखिलेश यादव ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हालिया बयानों के बारे में कहा कि भाजपा में आपसी कलह की वजह से कुछ लोगों की भाषा बदल गई है।

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