
लखनऊ (Uttar Pradesh). जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा, जेएनयू में प्लान करके हिंसा को अंजाम दिया गया। छात्रों टीचर्स पर हमला किया गया। यूनिवर्सिटी को एक विचारधारा के लोग अपनी विचारधारा में ढालना चाह रहे हैं। बीएचयू में भी इसी विचारधारा के लोगों ने हंगामा करने का काम किया था। एबीवीपी के लोग छात्र संघ पर कब्जा करके राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। ऐसे लोगों को शिक्षा से कोई मतलब नहीं। मैं मांग करता हूं कि सरकार और पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करे।
अखिलेश ने सीएम योगी पर लगाए गंभीर आरोप
नागरिकता कानून को लेकर यूपी में हुई हिंसा पर अखिलेश ने कहा, बीजेपी कभी भी सच नहीं बोलती। जितने लोगों की जान गई, वो सब पुलिस की गोली से मारे गए। सीएम योगी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए दंगा करवाया। मुख्य मुद्दों से ध्यान बांटने के लिए ऐसा किया गया। कोटा की चिंता तो सीएम योगी को है, लेकिन गोरखपुर में क्या किया? उस समय के स्वास्थ्य मंत्री ने यह कहा था कि हर साल बच्चे मरते हैं। बीजेपी ने तो मरने वाले बच्चों की संख्या कम बताई, जबकि जनवरी 2019 से अक्टूबर तक गोरखपुर में डेढ़ हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई।
बहुत छोटा है योगी सरकार का दिल
अखिलेश ने कहा- हम बहुत डरे हुए हैं कि कहीं पुलिस मुंह ढंक कर आ जाए तो क्या होगा? सरकार ने हमें, नेताजी (सपा संरक्षक मुलायम सिंह) को घर से निकाल दिया। सुरक्षा छीन ली, खाना बनाने वाला छीन लिया, गाड़ी छीन कर अम्बेसडर भेज दी। योगी सरकार का दिल बहुत छोटा निकला। बता दें 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले खाली करा लिए गए थे।
क्या है जेएनयू की घटना
रविवार देर शाम यानी 5 जनवरी को जेएनयू परिसर में छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई। लेफ्ट के छात्र संगठनों ने एबीवीपी पर हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं एबीवीपी ने लेफ्ट संगठनों पर। इस घटना में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के भी सर में चोट आई है। विवाद बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थितियों को काबू में किया। सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है।
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