बिजली कटौती को लेकर अखिलेश का बीजेपी पर तंज, ट्वीट कर उठाया चुनावी वादों का मुद्दा

Published : May 02, 2022, 01:25 PM ISTUpdated : May 02, 2022, 01:26 PM IST
बिजली कटौती को लेकर अखिलेश का बीजेपी पर तंज, ट्वीट कर उठाया चुनावी वादों का मुद्दा

सार

यूपी में बिजली कटौती अब सियासी मुद्दा बन गया है। इस पर सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि बीजेपी ने तो चुनाव के समय कहा था कि 5 साल बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा पर अब कह रहे हैं कि हर एक उपभोक्ता भुगतान करे तभी आपूर्ति होगी। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चुनावी सियासत समाप्त होने के बाद रोज नए मुद्दों को लेकर सियासत खूब होती रहती है। कभी मंहगाई, पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों पर, बेरोजगारी जैसे मुद्दों राजनीतिक पार्टियों के लिए आम हो चुके है। विपक्षी दल सरकार को घेरने में कोई मौका नही छोड़ते। राज्य में बिजली के संकट और इस वजह से कटौती काफी बढ़ गई है। इसी पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि किसानों को पांच साल तक बिजली बिल नहीं देना होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव में कहा कि किसानों को अगले 5 साल बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा पर अब कह रहे हैं कि हर एक उपभोक्ता भुगतान करे तभी आपूर्ति होगी। ये सरकार बताए कि सपा के समय में जो उत्पादन क्षमता बढ़ी थी, उसमें इस सरकार ने कोई बढ़ोत्तरी क्यों नहीं करी व जनता पर बिजली संकट क्यों थोपा।

बिजली बिल को करना चाहिए माफ
समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दूसरे ट्वीट में कहते है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अगर सच में बेकारी से जूझ रही जनता के साथ है तो उसे कोरोना काल 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के बकाया बिजली बिल माफ करने चाहिए। गरीबों की सरकार से ये खास अपेक्षा है क्योंकि उनकी कमाई नहीं हुई है और वरिष्ठ नागरिकों की भी क्योंकि ब्याज दर आधी रह गयी है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली निगम के अधिकारियों- कर्मचारियों को बिजली कटौती बंद करने और रोस्टर के हिसाब से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। राज्य में केंद्रीय सेक्टर से 332 मेगावाट, राज्य सेक्टर से 118 मेगावाट इसी के साथ अन्य श्रोतों से 331 मेगावाट की उपलब्धता को 29 अप्रैल से बढ़ी है। ज्ञात हो कि वर्तमान में प्रदेश की मांग तकरीबन साढ़े बाइस हजार मेगावाट तक पहुंच चुकी है।

मंत्री बदल गए लेकिन दुर्दशा नहीं बदली
बिजली कटौती को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार को घेरा में ले रहा है। अखिलेश यादव ने इससे पहले भी कहा था कि गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार पर्याप्त बिजली का इंतजाम नहीं कर पा रही है। अफसरों की लापरवाही पर नियंत्रण नहीं लग रहा है। अखिलेश आगे कहते है कि भाजपा के दूसरे कार्यकाल में बिजली मंत्री तो बदल गए, लेकिन दुर्दशा नहीं बदली। 

सरकारी बयानों में ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली सप्लाई का दावा किया जा रहा है, पर हकीकत में महज 4 घंटे बिजली मिल रही है। कई स्थानों पर तो पूरी रात ब्लैक आउट रहता है। ट्रांसफार्मर फुंकते जा रहें है। साथ ही अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने बिजली उत्पादन के लिए कोई काम नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है, तो बिजली कहां से मिलेगी? भाजपाई झूठे दावों की असलियत अब सामने आ रही है।

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