
प्रतापगढ़: रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) के करीबी और विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh) को एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) से बड़ा झटका लगा है। अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में 7 सालों की सजा सुनाई गई। सजा के साथ ही उन पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। अक्षय प्रताप को एक दिन पहले ही न्यायिक हिरासत में लिया गया था।
एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने जनसत्ता दल के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। वह लगातार तीन बार इस सीट से एमएलसी निर्वाचित होते रहे हैं। हालांकि सजा के ऐलान के बाद यह माना जा रहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियन के तहत उनका नामांकन निरस्त हो जाएगा।
सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे राजा भैया
प्रतापगढ़ की एमपी एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को यह सजा सुनाई है। उन्हें सात साल की सजा सुनाए जाने के साथ ही उन पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया। इससे पहले उन्हें दोषी करार दिया जा चुका था। वहीं मंगलवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में भी लिया गया था। जिस दौरान अक्षय प्रताप को यह सजा सुनाई गई उस दौरान राजा भैया की मौजूदगी भी वहां पर रही। वहीं इस बीच पूरे कोर्ट परिसर में भारी फोर्स की तैनाती देखी गई।
समाजवादी पार्टी से सांसद रह चुके हैं गोपालजी
अक्षय प्रताप गोपाल जी प्रतापगढ़ जिले से सांसद रह चुके हैं। वह वर्ष 2004 से लेकर 2009 तक सांसद थे। ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के बीच उनकी पैठ काफी गहरी है। इसी के चलते निवर्तमान एमएलसी को इस बार भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हालांकि ऐन वक्त पहले आए इस मोड़ के बाद अब गोपालजी के समर्थकों को बड़ा झटका लगा है।
1997 में सामने आया था फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने का मामला
फर्जी पते पर लाइसेंस लेने का यह मामला 1997 में सामने आया था। तत्कालीन कोतवाली डीपी शुक्ला की ओर से इस मामले में अक्षय प्रताप पर मुकदमा दर्ज करवाया गया था। जिसके बाद अब इस मामले में कोर्ट ने उन्हें एक दिन के लिए जेल भेजकर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
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