अलीगढ़ में सोना जड़ित जामा मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है। मामले में नगर आयुक्त ने आगे आकर कहा कि बिना ठोस साक्ष्य के मुद्दे को उछालना गलत है। नगर निगम के द्वारा इसका खंडन किया जाता है।
अलीगढ़: ऐतिहासिक सोना जड़ित जामा मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा होता दिखाई पड़ रहा है। एक आरटीआई के जवाब में नगर आयुक्त की ओर से कहा गया कि यह मस्जिद सार्वजनिक जगह पर बनी हुई है। जिसके बाद इसको लेकर भाजपाई मुखर हो गए हैं। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने इसको लेकर सफाई भी पेश की है।
नगर आयुक्त ने कहा बिना साक्ष्य के मुद्दे उछालना गलत
मामले को लेकर नगर आयुक्त ने कहा कि बिना जानकारी के ठोस साक्ष्य के मुद्दे उछालना गलत है। नगर निगम के द्वारा इसका खंडन किया जाता है। आरटीआई के तहत ही नगर निगम ने सूचनाएं उपलब्ध करवाई थीं। उनके द्वारा कहा गया कि वर्षों पूर्व से जो ऐतिहासिक इमारतें, धार्मिक स्थल बनए हुए हैं उसमें से कई सार्वजनिक स्थल पर भी हैं। इन्हें हटाने के लिए नगर निगम अधिकृत नहीं है। ऐसी कोई भी कार्रवाई अपेक्षित नहीं है। नगर निगम शहर को स्वच्छ, सुंदर और यातायात व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
नगर निगम से मांगी गई थी सूचनाएं
प्रिंस कॉलोनी निवासी केशवदेव शर्मा ने आरटीआई के तहत ही मस्जिद को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर सूचनाएं नगर निगम से मांगी गई थी। इन सूचनाओं को लेकर नगर निगम के द्वारा बताया गया कि जामा मस्जिद सार्वजनिक जगह पर बनी हुई है। इन पर किसी व्यक्ति विशेष का मालिकाना हक नहीं है। मस्जिद निर्माण को लेकर कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं है। इस पर पूर्व मेयर ने भी स्पष्ट कहा कि मस्जिद सार्वजनिक स्थल पर बनी हुई है। सार्वजनिक स्थल पर कोई भी अवैध अब्जा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊपरकोट पर जाकर देखिए तो हुल्लड़ बाजार के तहत भीड़ लगी रहती है। बाहरद्वारी में भी सड़क पर कब्जा कर सब्जी वाले दुकान लगाते है। इससे राहगीरों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लिहाजा अगर नगर निगम कब्जा नहीं हटाएगा तो शहर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा।